22 सितंबर को प्रदेशभर में आयोजित होगी मूल्यांकन परीक्षा
शिक्षार्थी स्वयंसेवक के तौर पर लोगों को साक्षर बनाने के लिए भरेंगे संकल्प-पत्र
चंडीगढ़, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा विभाग ने प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों उल्लास नवभारत सारक्षता कार्यक्रम के तहत सारक्षता दर बढ़ाने की योजना तैयार की है। प्रदेशभर से 3.50 लाख शिक्षार्थियों का उल्लास कार्यक्रम के तहत मूल्याकंन किया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षार्थी स्वयंसेवक के तौर पर संकल्प पत्र भी भरेंगे, जिसमें लोगों को साक्षर बनाने के लिए प्रेरित करने की प्रतिज्ञा लेंगे।
प्रदेश के 22 जिलों में 22 सितंबर को उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ मुख्य शिक्षक और उल्लास समन्वयकों को निर्देश दिए हैं कि शिक्षार्थियों की उपस्थिति शत प्रतिशत होनी अनिवार्य है। विभाग ने 100 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है, सफल शिक्षार्थियों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से बुनियादी साक्षरता का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, ताकि इसका प्रभावी प्रचार हो सके।
डीएलएमए की ओर से सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्रों के रूप में चिहिन्त करेगा। गांव में एक और शहरी क्षेत्र में एक से अधिक सरकारी स्कूलों को परीक्षा केंद्र में रूप में चयन किया जाएगा। परीक्षा में उपस्थित होने वाले प्रत्येक शिक्षार्थी के लिए पंजीकरण फार्म (मैन्युअल) भरना अनिवार्य है। पंजीकरण के बिना किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी डीएलएमए और जिला शिक्षा अधिकारी की होगी। डीईईओ की ओर से स्कूल मुखियाओं को निर्देश जारी किए गए हैं मूल्यांकन परीक्षा हर रोज 21 सितंबर तक सुबह प्रार्थना सभा में घोषणा की जाएगी और विद्यार्थी अपने आप-पड़ोस में साक्षर बनने के इच्छुक शिक्षार्थियों को इस बारे में अवगत करा सकें। 22 सितंबर को आयोजित होने वाली मूल्यांकन परीक्षा में 50 शिक्षार्थियों पर एक निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। मूल्यांकन के बाद शिक्षार्थियों की डाटा तैयार किया जाएगा।
जिस स्कूल यानी परीक्षा केंद्र में परीक्षा का आयोजन होगा, अधीक्षक (स्कूल मुखिया) को 75 रुपये, निरीक्षक को 50 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, इसके साथ ही परीक्षा केंद्र के लिए जलपान के लिए 100 रुपये की राशि निर्धारित की गई है और प्रति मूल्यांकन की राशि तीन रुपये होगी। शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षार्थियों के पंजीकरण फार्म और मूल्यांकन प्रति दस्तावेज की का डाटा 6 महीने स्कूल में सुरक्षित रखना अनिवार्य है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा