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बड़ा तालाब की लगातार सफाई पर ध्यान दे सरकार : झारखंड हाई कोर्ट

झारखंड  हाई कोर्ट

रांची, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कोर्ट रांची में जल स्रोतों के संरक्षण एवं रांची के तीन डैम की साफ-सफाई और उसे अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई की। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने बड़ा तालाब में फिर से बदबू आने को गंभीरता से लेते हुए मौखिक कहा कि सरकार को बड़ा तालाब की लगातार सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए।

कोर्ट ने सुनवाई के दाैरान रांची नगर निगम से पूछा कि रांची के बड़ा तालाब से फिर बदबू क्यों आ रही है? इसके आसपास के सभी नाली केगंदे पानी को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से क्यों नहीं जोड़ा गया है? सिर्फ बड़ा तालाब के बगल की एक नाली को वॉटर ट्रीटमेंट से जोड़ने से से काम नहीं चलेगा? बड़ा तालाब के आसपास के सभी नालियों को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़कर ट्रीटमेंट होने के बाद साफ पानी को बड़ा तालाब में जाने दिया जाए, ऐसी व्यवस्था रांची नगर निगम को सुनिश्चित करनी होगी।

खंडपीठ ने मामले में रांची नगर निगम एवं नगर विकास विभाग को इन बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर निर्धारित की है। इससे पहले भी खंडपीठ को बताया गया कि गर्मी में बड़ा तालाब में बदबू आना शुरू हुआ था। इसके बाद बरसात में यह कुछ काम हुआ था लेकिन अब फिर से बड़ा तालाब के पास बिजली घर के निकट बदबू आ रहा है। बड़ा तालाब से बदबू आने से वहां रहने वाले आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। रांची नगर निगम ने सफाई के नाम पर बड़ा तालाब में ई-बॉल डालने की बात कही थी लेकिन उसका भी कुछ असर नहीं हो रहा है। बड़ा तालाब का पानी आज भी प्रदूषित और बदबूदार है।

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर के कांके डैम, धुर्वा डैम और गेतलसूद डैम में पिछले 5 साल में पानी की स्थिति को लेकर झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की ओर से सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए उसे 38 लाख रुपए की फंडिंग भी की गई है, जिस पर खंडपीठ ने मौखिक कहा कि इन तीनों डैम के आसपास के अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्रवाई होनी जरूरी है। क्योंकि, डैम के कैचमेंट एरिया का अतिक्रमण हुआ है, जिसका असर इन तीनों डैम के पानी रिजर्व रखने की क्षमता पर पड़ा है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची शहर में कभी 71 तालाब होने की बात सरकार की ओर से बताई गई थी लेकिन इसमें से अधिकांश तालाबों का आज अस्तित्व नहीं है। सरकार बताए कि गायब हुए तालाबों के पुनरुद्धार के लिए कोई योजना बनाई गई है? वहीं, मामले में कांके रोड के विद्यापति नगर के एक तालाब को कूड़ा से भर दिए जाने को लेकर हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई जिस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने रांची में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर रांची नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में भी जवाब मांगा है।

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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना

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