Haryana

फरीदाबाद : निवर्तमान कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने भरा नामांकन

नामांकन दाखिल करते निवर्तमान कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा

तीसरी बार बीजेपी ने जताया विश्वास, मुख्यमंत्री नायब सैनी नहीं पहुंचे

फरीदाबाद, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । बल्लभगढ़ विधानसभा से तीसरी बार टिकट मिलने के बाद निवर्तमान कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने शुक्रवार को अपने सेक्टर-2 स्थित कार्यालय पर अपने परिवार और समर्थकों के साथ पहले हवन पूजन किया और फिर उन्हें अपने समर्थकों के साथ बल्लभगढ़ के एसडीएम कार्यालय की ओर कूच किया।

बता दें कि मूलचंद शर्मा 2014 में बीजेपी पार्टी से बल्लभगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़े और विधायक बने, उसके बाद 2019 में दोबारा फिर भाजपा ने ही बीजेपी की टिकट पर चुनाव लडऩे का मौका दिया और वह दूसरी बार भी भारी मतों से विजय हुए। इसके बाद उन्हें सरकार में मंत्री बनाया गया पहले परिवहन मंत्रालय के साथ-साथ उच्च शिक्षा मंत्रालय दिया गया था। जेजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद फिर जब दोबारा सरकार बनी तब उन्हें इंडस्ट्री मिनिस्टर बनाया गया। फिलहाल निवर्तमान इंडस्ट्री मिनिस्टर है। इस बार हुई 2024 में बीजेपी ने उन्हीं पर विश्वास जताते हुए तीसरी बार टिकट उन्हीं को दी है। आज मूल चन्द शर्मा अपना नामांकन बल्लभगढ़ के एसडीम कार्यालय में भरने के लिए पहुंच रहे हैं उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी मूल चन्द शर्मा की जीत होगी, अभी तक कांग्रेस में किसी भी प्रत्याशी को घोषणा नहीं की है। जिसके चलते उनके सामने अभी टक्कर देने वाला प्रत्याशी नजर नहीं आ रहा है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस अपनी लिस्ट कब तक फाइनल करती है। किस मजबूत कैंडिडेट को मूलचंद शर्मा के सामने चुनाव लडऩे के लिए उतारती है।

बता दें कि फरीदाबाद में सबसे पहले हुए नामांकन में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पहुंचना था, लेकिन किन्हीं कारणों नायब सिंह सैनी मूलचंद शर्मा के नामांकन में नहीं पहुंच सके। हालांकि मूलचंद शर्मा के नामांकन में केंद्र राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के साथ जिला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा के साथ पूर्व महामंत्री संदीप जोशी भी उपस्थित रहे। इस मौके पर केंद्र राज्य मंत्री कि पाल गुर्जर से जब पूछा गया कि टिकट बंटवारे के बाद भाजपा में घमासान मचा हुआ है, बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता पार्टियों को छोडक़र जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की टिकट पाने वाले कार्यकर्ता और नेताओं की संख्या ज्यादा है। सभी को टिकट नहीं दी जा सकती। जीतने वाले उम्मीदवार को पार्टी ने टिकट दी है, यह पार्टी का फैसला है। इसलिए सभी को पार्टी के फैसले के साथ रहना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर

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