Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को फिर से जीवित करना चाहते नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस : डा. निर्मल सिंह

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को फिर से जीवित करना चाहते नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस : डा. निर्मल सिंह

जम्मू, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी की चुनाव घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी घोषणा पत्र पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। सिंह ने कहा है कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में हमेशा खून-खराबे, आतंकवाद और अशांति को बढ़ावा दिया है। एक बार फिर यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 के बाद लागू हुए कानूनों को खत्म करके यहां आतंकवाद, पत्थरबाजी और अशांति के रास्ते खोलने के लिए तैयार है। उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या वह जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस लाने के लिए चीन और पाकिस्तान की मदद लेंगे जैसा कि उनके सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है।

डा. निर्मल सिंह ने कहा कि कांग्रेस अपना घोषणा पत्र नहीं लाकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी घोषणा पत्र के पीछे खड़ी है और 370 को वापस लाने की वकालत कर रही है।

छन्नी हिम्मत स्थित चुनावी वार रूम में डॉ. निर्मल सिंह ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एडवोकेट सुनील सेठी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने राहुल गांधी के जम्मू-कश्मीर दौरे को विभाजन की राजनीति को बढ़ावा देने की शुरुआत करार दिया। उन्होंने कहा कि पूरा देश धारा 370 पर एकजुट है लेकिन कांग्रेस चुप्पी साधे नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र को समर्थन दे रही है जो विशेष दर्जे की बहाली और जम्मू-कश्मीर को फिर से हिंसा की आग में झोंकने की साजिश रच रही है। लेकिन भाजपा ने यहां जो शांति और अमन की बहार लाई है जम्मू-कश्मीर की जनता इससे भलीभांति परिचित है और ऐसे हथकंडों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी।

उन्होंने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा हर कोई खुश है लेकिन राहुल गांधी ने घटिया राजनीति की और वह 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने बेहूदा बयान दिया कि 1947 में महाराजा हरि सिंह को यहां से निकाला। डॉ. सिंह ने कहा जम्मू के लोगों से कहूंगा राहुल गांधी ने सच कहा। महाराजा हरि सिंह 1952 तक महाराजा थे। उन्हें यहां से निकाला गया। 1961 तक वापस नहीं आने दिया और उनकी लाश भी वापस नहीं आने दी। सिर्फ उनकी अस्थियां ही लौटीं। उन्होंने कहा वह महाराजा जिन्होंने भारत के साथ विलय किया, अंतरराष्ट्रीय मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, पाकिस्तान के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के हित में डटे रहे। लेकिन आज शेख-नेहरू की नीतियों को फिर से दोहराया जा रहा है। 1947 से 1953 के काले दौर को वापस लाना चाहते हैं।

जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के आने के बारे में कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए डॉ. निर्मल सिंह ने कहा यह बयान स्पष्ट करता है कि आज फिर 1946 की कश्मीर छोड़ो आंदोलन की तरह वहीं माहौल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस यहां लाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनके लिए गुजजर-बकरवाल भी बाहरी थे जिन्हें राजनीतिक आरक्षण से वंचित रखा गया। उनके लिए लद्दाख के लोग बाहरी थे और जिन बाहरी लोगों की बात नेशनल कॉन्फ्रेंस करती है कि 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति वापस लाएंगे। सारे कानून बदलेंगे, उसी एजेंडे को बढ़ाने के लिए राहुल गांधी यहां आए हैं।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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