सिंगापुर/नई दिल्ली, 05 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्किल डेवलेपमेंट पर केंद्र सरकार के विशेष जोर का उल्लेख करते हुए सिंगापुर के कारोबारियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया है।
बिजनेस लीडर्स को अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र काशी (वाराणसी) में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक शहर में प्रसिद्ध भारतीय ‘पान’ का भी जिक्र किया। सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जब भी भारत में पान की चर्चा होती है, तो वह वाराणसी के बिना अधूरी रह जाती है। मैं वाराणसी से सांसद हूं।”
सिंगापुर बिजनेस लीडर्स के साथ बैठक में उन्होंने हल्के-फुल्के लहजे में कहा, यदि आप पान खाने का आनंद लेना चाहते हैं, तो आपको काशी में निवेश करना चाहिए। उन्होंने भारत में वैश्विक निवेश का आह्वान करते हुए एक अनूठा संदेश देते हुए व्यापारिक समुदाय को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री माेदी ने कहा कि कौशल विकास एक ऐसा मुद्दा है जो हमारी सभी चर्चाओं में उभर कर आता है। भारत में हम इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र को देखते हुए कौशल विकास पर बहुत बल दे रहे हैं। भारत की आवश्यकताओं के साथ कौशल विकास संबंध एक ग्लोबल जॉब मार्केट से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “अगर आपकी (सिंगापुर) कंपनियां ग्लोबली क्या चल रहा है, उसका सर्वे करें और ग्लोबल डिमांड का विश्लेषण करें और उसके अनुसार भारत में कौशल विकास के लिए आएं, तो ग्लोबल जॉब मार्केट को बड़ी आसानी से एड्रेस कर सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका तीसरा कार्यकाल है। जो लोग भारत से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि 60 साल बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है। इसके पीछे का कारण हमारी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है। अगर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कोई विमानन क्षेत्र है, तो वह भारत में है। एमआरओ होना हमारी प्राथमिकता है। आपको (व्यवसायों को) हवाई अड्डों के विकास में निवेश करने के लिए भारत आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम भारत में एक प्रतिस्पर्धी विमानन क्षेत्र चाहते हैं। भारत में निवेश के बहुत सारे अवसर हैं। सौर, पवन, परमाणु और तापीय ऊर्जा पर समान जोर दिया जाएगा। हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में हमारी पहल में निवेश और रोजगार के अवसर पैदा करना शामिल है। मोदी ने कहा, “ऊर्जा से जुड़े हुए ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां ग्रीन जॉब की पूरी संभावना है, हम इसमें पहल कर रहे हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं, आप भी आइए।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास टैलेंट है और उसका लाभ दुनिया को मिलेगा। आज फिनटेक की दुनिया में हमारा यूपीआई, दुनिया में जितना रियल टाइम ट्रांजेक्शन होता है, उसका 50 प्रतिशत अकेले भारत में होता है। फिनटेक की दुनिया में अगर ग्लोबल लीडर बनना है, तो भारत को केंद्र बिंदु बनाकर बड़ी आसानी से आप फिनटेक की दुनिया में आगे आ सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार