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सफेद हाथी बन कर रह गया है 6 करोड़ से बना 160 साल पुराना बिज्जै हाई स्कूल का धरोहर भवन

सफेद हाथी बन कर रह गया है 6 करोड़ से बना 160 साल पुराना बिज्जै हाई स्कूल का धरोहर भवन

मंडी, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । मंडी शहर के बीचोंबीच 160 साल पुराने बिज्जै हाई स्कूल भवन को उसी शैली में निर्मित किए हुए चार साल का अरसा हो गया मगर लाखों लोगों की भावनाओं से जुड़े इस भवन जिसे ओ ब्लॉक व लक्कड़ घर के नामों से भी जाना जाता है का सही उपयोग नहीं हो पाया है। एशियन डवलपमेंट बैंक यानी एडीबी ने लगभग 6 करोड़ रूपए खर्च करके इसे पुरानी शैली में ही निर्मित किया है। ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन, ओएसएसए की पहल पर इस धरोहर को बचाया गया और भारतीय सांस्कृतिक निधि के मंडी चेप्टर द्वारा अपने खर्चे पर तैयार की डीपीआर की मदद से इसका निर्माण जनवरी 2016 में शुरू हुआ था।

हेरीटेज भवनों के निर्माण में महारात हासिल किए हुए आरएसबी एससीएल एजेवीए के ठेकेदार संजय धवन ने लकड़ी पत्थर की निर्माण शैली के विशेष कारीगरों से इसका काम करवाया और सितंबर 2020 में इसका काम पूरा हो गया। तब से लेकर चार साल बाद भी इसका सही उपयोग नहीं हो पाया जबकि ओएसए लगातार इस बारे में सरकार व विभागों से आग्रह करता आ रहा है कि इसमें शिमला के गेयटी थियेटर की तर्ज पर गतिविधियां शुरू की जाएं।

कोई उपयोग न होने से यह भवन सफेद हाथी बन कर रह गया है। पूरी तरह से देवदार लकड़ी व पत्थरों से तैयार इस भवन का प्रयोग न होने से इसका रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लकड़ी का पालिश आदि भी फीका पडऩे लगा है व उखड़ रहा है। इस बारे में ओएसए का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधान अनिल शर्मा की अगुवाई में जन्माष्टमी के मौके पर मंडी प्रवास पर आए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जिसने पास भाषा एवं संस्कृति विभाग का भी जिम्मा है को ज्ञापन देकर आग्रह किया गया कि इस भवन को कलात्मक, साहित्यिक, शैक्षणिक, हेरीटेज पुस्तकालय, संग्रहालय, पेंटिंग, प्रदर्शनी, लाईट एवं साउंड जैसे कार्यक्रमों के लिए प्रयोग किया जाए। यह भी बताया गया कि प्रदेश के चंबा, कांगड़ा व शिमला में तो संग्रहालय हैं मगर मंडी में कोई संग्रहालय सरकारी क्षेत्र में नहीं है। ऐसे में इसमें संग्रहालय की भी स्थापना की जाए ताकि मंडी जिसे सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है उसका नाम भी सार्थक हो सके।

उपमुख्यमंत्री ने स्वयं भी इस भवन का निरीक्षण करने की बात कही तथा उनके ही कहने पर गुरूवार को एपीएमसी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, विकास कपूर ने भी ओएसए के प्रधान अनिल शर्मा, महासचिव संतोष कुमार, अजय सहगल व हरीश कुमार आदि के साथ इस भवन का विस्तार से निरीक्षण किया।

उन्होंने कहा कि वह इस ऐतिहासिक धरोहर के सही उपयोग का मामला मुख्यमंत्री के साथ उठाएंगे तथा इसमें हर हालत में संग्रहालय व अन्य गतिविधियां शुरू करवाने का प्रयास करेंगे। ऐसे में अब उम्मीद बनने लगी है कि जल्दी ही इस भवन जिसमें पढक़र लाखों छात्र देश विदेश में अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं या बजा चुके हैं की भावनाओं की कद्र हो सकेगी।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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