शिमला, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र में बनी अवैध मस्जिद का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को यह मामला विधानसभा में उठ चुका। अब इस विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं।औवेसी
ने कांग्रेस सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर कहा कि वे भाजपा की भाषा बोल रहे हैं और हिमाचल की मोहब्बत की दुकान में नफरत ही नफरत की टिप्पणी की है। औवेसी की टिप्पणी पर कांग्रेस सरकार के मंत्रियों अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने भी पलटवार किया है।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि सब जानते हैं कि ओवैसी भाजपा की बी टीम हैं और एक समुदाय विशेष पर उनकी राजनीति टिकी हुई है और हिमाचल प्रदेश में सभी के लिए मोहब्बत है। नफ़रत के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए ओवैसी अपने राज्य में ध्यान दें। उन्होंने कहा कि यहां बात वैध और अवैध की है, मंदिर या मस्जिद की नहीं। मंत्री सिंह ने कहा कि संजौली क्षेत्र में बनी मस्जिद अवैध है और वर्ष 2010 से मामला एमसी कोर्ट में लटका है, लेकिन कारवाई नहीं हुई। इसी को लेकर सदन में बात रखी है और सरकार भी इसको लेकर गंभीर है। लोगों में इसको लेकर खासा आक्रोश भी है क्योंकि काफी संख्या में शिमला में बाहरी राज्यों से लोग आ रहे हैं, जिनकी पुलिस वेरिफिकेशन नही है। ऐसे सुरक्षा को भी खतरा पैदा होता है और यही चिंता मैंने सदन में जाहिर की है। ओवैसी अपनी राजनीति रोटियां सेंक रहे हैं।
इस मामले में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी ओवैसी के बयान पर पलटवार किया। उन्हाेंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी के लिए मोहब्बत है और नफ़रत के लिए कोई जगह नही है। ओवैसी अपनी राजनीति रोटियां सेंकने के लिए बेतुके बयान दे रहे हैं। संजौली मस्जिद मामले में सरकार कानून के दायरे में रहकर काम करेगी और नगर निगम की अदालत का जो भी निर्णय शनिवार को आयेगा सरकार उस आधार पर कारवाई करेगी। इससे पहले बुधवार को विपक्षी पार्टी भाजपा ने यह मामला विधानसभा में उठाया था। जिस पर कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह का भी उन्हें समर्थन मिला।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला