कानपुर,05 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आगामी चरण के लिए शासन ने नए मानक तय करते हुए जनपद में गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। सरकार इस योजना को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में तय किया है कि सर्वेक्षण के कार्य सरकारी कर्मचारी ही करेंगे। यह जानकारी गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी कानपुर दीक्षा जैन ने दी।
उन्होंने बताया कि इस योजना को लेकर जिलाधिकारी एक बैठक कर चुके हैं। उन्हाेंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आगामी चरण (वित्तीय वर्ष 2024-25 से वर्ष 2028-29 तक) में योजना के क्रियान्वयन तथा बहिर्वेशन के मानक में संशोधन के दृष्टिगत पात्र लाभार्थियों के चिन्हीकरण तथा आवास प्लस 2018 की सूची को अद्यतन किए जाने का निर्देश दिया है।
पात्रता एवं अपात्रता एवं चिह्नित करने के मानक को लेकर हुए महत्वपूर्ण
जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों में सचिवों के द्वारा बैठक आयोजित कर समस्त ग्रामवासियों एवं जनप्रतिनिधियों को संबंधित मानक एवं सर्वेक्षण के संबंध में
विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। सर्वेक्षणकर्ता के रूप में ग्राम पंचायत सचिवों को ही नियुक्त करने का निर्णय हुआ है। पात्रता एवं अपात्रता के मानकों की ग्राम पंचायत में सार्वजनिक स्थल पर जनसामान्य की जानकारी के लिए वाल राइटिंग कराया जाएगा।
विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों में जो भी लाभार्थी पात्र पाए गए है और उन्हें इस प्रकार का आश्वासन दिया गया है कि जब भविष्य में सर्वे पुनः प्रारंभ होगा तब उन्हें आवास आवंटित किया जाएगा, को इस सर्वे में अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाएगा। छूटे हुए पात्र लाभार्थियों को सर्वेक्षण मे सम्मिलित करने का उत्तरदायित्व संबंधित ग्राम पंचायत सचिव का होगा। उन्होंने बताया कि आश्रयविहीन परिवार,बेसहारा भीख मांगकर जीवन यापन करने वाले, हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजातीय समूह, वैधानिक रूप से मुक्त कराये गये बंधुआ मजदूर को शामिल किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना में ऐसे लोग अपात्र माने जाएंगे जिनके पास मोटर चालित तीन, चार पहिया वाहन हैं और इसके साथ ही 50000 रुपये अथवा इससे अधिक की क्रेडिट सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड, वे परिवार जिनके परिवार में सरकारी कर्मचारी हैं।आवेदनकर्ता अथवा परिवार का कोई सदस्य गैर कृषि उद्यमों में सरकार द्वारा पंजीकृत हों। वे परिवार जिनका कोई सदस्य 15000 रुपये से अधिक प्रतिमाह कमा रहा हों। आयकर देने वाले परिवार, व्यवसाय कर देने वाले परिवार, वे परिवार जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि हो। वे परिवार जिनके पास 5 एकड़ या इससे अधिक असिंचित भूमि हो, वह अपने आप इस योजना से बाहर कर दिए जाएंगे।
(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल