छतरपुर, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । इस शिक्षक दिवस पर आज हम आपको एक ऐसी शिक्षिका का परिचय बताने जा रहे है जिसने अपनी कार्यशौली से जिले का ही नही बल्कि पूरे बुंदेलखण्ड का नाम रोशन किया है और लोगों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बनी हैं। कहानी है जिले के नौगांव विकासखंड के अलीपुरा जन शिक्षा केंद्र अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला करारागंज में पदस्थ शिक्षिका कल्पना मुखरैया जिनकी नियुक्ति 2013 में हुई थी। अभूतपूर्व प्रतिभा की धनी शिक्षिका कल्पना मुखरैया के जीवन के 10 वर्षों का सफर कन्या प्राथमिक शाला से भोपाल तक कैसे पहुंचा और कैसे समूचे जिले सहित बुंदेलखंड का नाम रोशन किया। इसके पीछे इनके संघर्ष की अनोखी कहानी है।
स्कूल को घर और बच्चों को बनाया परिवार
शासकीय प्राथमिक कन्या शाला करारा गंज में पदस्थ शिक्षिका कल्पना मुखरैया ने बताया कि मेरे पिता गौरीशंकर मुखरैया भी पूर्व में शिक्षक थे। मैं उन्ही की प्रेरणा पथ पर चलकर अपने स्कूल और बच्चों के प्रति एक नई सोच के साथ कुछ अलग करने जैसे रचनात्मक कार्य नए.नए नवाचार करके सर्वप्रथम स्कूल और बच्चों को अपनें घर परिवार की तरह संभालना शुरू किया। स्कूल को निजी खर्चे से बाल पेंटिंग सहित बच्चों शिक्षा की देखरेख, स्कूल आने.जाने का समय, अविभावकों से तालमेल, साफ.सफाई, संगीत में रूचि इत्यादि पर कार्य कर बच्चों को शिक्षा के प्रति लगनशील बनाया जिसके परिणाम स्वरूप आज के समय में शत प्रतिशत बच्चे स्कूल आते है। एवं समूचे नौगांव विकासखंड में शासकीय प्राथमिक कन्या शाला करारा गंज स्मार्ट स्कूल के रूप में जाना जाता है।
विकासखंड स्तर से भोपाल तक किया प्रतिनिधित्वः
कोविड काल के बाद 2020 में आपके द्वारा लिखी गई कहानियों को राज्य शिक्षा केंद्र ने चयनित किया उसके बाद 2021 में टीएलएम की कार्यशालाओं में हिस्सा लेकर प्रतिनिधित्व किया। 2023 में डीआरजी बनकर भोपाल से प्रशिक्षण प्राप्त कर ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। हाल ही में 12 सितंबर 2023 को भोपाल में आयोजित जी.20 में छतरपुर जिले की कमान संभाली एवं विगत दिनों पूर्व आपके द्वारा लिखी गई कविता को राज्य शिक्षा केन्द्र और रूम टू रीड के माध्यम से प्रकाशित कर प्रदेश के शासकीय विद्यालय में उपलब्ध कराया गया एवं जून 2023 में गिजू भाई शिक्षक सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
(Udaipur Kiran) / सौरव भटनागर