-घरेलू सामान और कपड़ा सहायता के रूप में 50,111 परिवारों को बांटे 20 करोड़ रुपयेः राहत आयुक्त
-22 मृतकों के परिवारों को राज्य सरकार की ओर से कुल 88 लाख रुपए की सहायता
अहमदाबाद, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्य में भारी बारिश से अति प्रभावित जिलों में जनजीवन को तेजी से बहाल करने और प्रभावित व जरूरतमंद परिवारों को शीघ्र मदद करने के लिए ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सभी जिला कलेक्टरों को दिशानिर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला स्तर पर प्रशासन ने सर्वे कर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद और घरेलू सामान उपलब्ध कराने के लिए भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलों में 3 सितंबर तक 1,69,561 व्यक्तियों को कैशडोल्स के तहत कुल 8.04 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
बुधवार को स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में मीडिया से बात करते हुए राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि राज्य के वडोदरा, सूरत, राजकोट, आणंद, कच्छ, खेड़ा, गांधीनगर, जामनगर, देवभूमि द्वारका, नर्मदा, नवसारी, पोरबंदर, मोरबी और वलसाड जिले में कुल 1120 टीमों ने बाढ़ प्रभावितों का सर्वे किया गया है। इन जिलों में 3 सितंबर तक 1,69,561 व्यक्तियों को कैशडोल्स के तहत कुल 8.04 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे परिवार जिनका घरेलू सामान-कपड़ा आदि पानी में बह जाने या नष्ट होने से नुकसान हुआ है। उनका सर्वे टीमें कर रही हैं। इसके अलावा जिलों में 50,111 परिवारों को 20.07 करोड़ रुपये से अधिक की राशि घरेलू सामान और कपड़ा सहायता के लिए वितरित की गई है अंतर्गत दी गई है।
राहत आयुक्त ने कहा कि बाढ़ व आपदा के चलते मौत के मामले में राज्य सरकार ने 22 मृतकों के परिजनों को कुल 88 लाख रुपये की सहायता का भुगतान किया है। इसके साथ ही, 2618 मृत पशुओं के मालिकों को कुल 1.78 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, भारी वर्षा से प्रभावित जिलों में कच्चे-पक्के मकानों तथा आंशिक या पूर्ण रूप से ध्वस्त मकान या झोपड़ों का भी सर्वे शुरू कर दिया गया है। इसके तहत अब तक 4673 मकान-झोपड़ी मालिकों को सहायता के रूप में कुल 3.67 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण और मध्य गुजरात में गत दो दिनों के दौरान हुई बारिश के कारण कुछ जिलों में सर्वे का काम प्रगति पर है। जिला प्रशासन को जैसे-जैसे व्यक्तियों और परिवारों की संख्या उपलब्ध होती जाएगी, वैसे-वैसे घरेलू सामान-कपड़ा सहायता, कैशडोल्स, मानव और पशु मृत्यु के अलावा क्षतिग्रस्त हुए कच्चे और पक्के मकानों के लिए और भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में भारी वर्षा की परिस्थिति के बीच प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की 17, एसडीआरएफ की 27 तथा सेना की 09 कॉलम के अलावा वायुसेना और कोस्टगार्ड की टीमों ने अब तक कुल 37,050 लोगों को रेस्क्यू किया तथा 4,083 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इस दौरान 53 व्यक्तियों को एयर लिफ्ट भी किया गया।
राहत आयुक्त ने बताया कि भारी वर्षा से राज्य में प्रभावित कुल 2230 किमी सड़कों की मरम्मत का काम अगले 10 दिन में पूरा कर वाहन चलाने योग्य कर दिया जाएगा। राज्य के कुल 6931 गांवों और 17 शहरों में भारी वर्षा से विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई थी। जिनमें से 6927 गांवों और सभी 17 शहरों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। जबकि शेष गांवों में विद्युत आपूर्ति को पूर्ववत करने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है। वहीं, जलजमाव के कारण एहतियात के तौर पर बंद किए गए राज्य के कुल 88 सब-स्टेशनों में से 86 को पुनः चालू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में टूटी सड़कों की मरम्मत और जलजमाव को दूर करने के लिए प्रशासन दिन-रात काम किया जा रहा है। इसके साथ ही, सफाई अभियान चलाकर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी किया जा रहा है। सड़कों की मरम्मत सहित अन्य कार्यों के लिए शहरी विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत महानगर पालिकाओं के लिए कुल 700 करोड़ रुपये का अनुदान आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 1262 सरकारी और 802 108-एम्बुलेंस को आवश्यक दवाइयों एवं उपकरणों के साथ तैयार किया गया था। राहत आयुक्त ने बताया कि 48,695 प्रभावितों तथा 602 गर्भवती महिलाओं का राज्य के कुल 880 आश्रय स्थानों में स्थानांतरण कर मेडिकल टीमों ने उनकी जांच की है। साथ ही, बारिश से प्रभावित क्षेत्रों के हॉस्पिटलों में कुल 216 सफल प्रसव भी कराए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय