—विंध्याचल दूसरी, अष्टभुजा धाम तीसरी, भदोही का सीतामढ़ी चौथी व सोनभद्र पर्यटकों की बना पांचवी पसंद
वाराणसी, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश की योगी सरकार ने काशी के कलेवर को बदलकर उसे विश्व में अलग पहचान दिलाई है। उसका लाभ वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों को भी मिल रहा है। वाराणसी में आने वाले पर्यटक पड़ोसी जिलों के आध्यात्मिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों को भी पसंद कर रहे हैं। वर्ष 2023 में पूर्वांचल का नंबर एक धार्मिक व टूरिस्ट डेस्टिनेशन वाराणसी रहा। वहीं, दूसरे नंबर पर मिर्ज़ापुर का विंध्याचल मंदिर और तीसरे पायदान पर मिर्ज़ापुर का ही अष्टभुजा मंदिर रहा। इसके अतिरिक्त, संत रविदास नगर (भदोही) में स्थित सीतामढ़ी चौथे नंबर पर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा सोनभद्र पांचवें स्थान पर रहा। डबल इंजन की सरकार ने बनारस और उसके आस-पास के जिलों की कनेक्टिविटी में इजाफा करने के साथ इन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किया है। जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं और पर्यटक कम समय में ज्यादा से ज्यादा डेस्टिनेशन एक्सप्लोर कर रहे हैं।
विकास के कार्यों ने बढ़ाया पर्यटकों का रुझान
पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि वाराणसी में हुए विकास के कार्यो, मूलभूत ढांचा में सुधार, दूसरे शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी, सुगमता और सुरक्षा ने पर्यटकों की संख्या बढ़ा दी है। वाराणसी के पड़ाेसी जिलों के पर्यटन और धार्मिक स्थलों के विकास के काम ने पर्यटकों का रुझान बढ़ाया है। वाराणसी के आस-पास 100 से 200 किलोमीटर की यात्रा पर्यटकों के लिए काफी आसान हो गई है। वाराणसी आने वाले पर्यटकों को संतरविदास नगर (भदोही ), मिर्ज़ापुर, सोनभद्र के धार्मिक स्थलों, जलप्रपात और प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थल खूब भा रहे हैं।
2023 में वाराणसी और आसपास के जिलों में आए पर्यटकों की संख्या
1 – वाराणसी – 8,54,73,633
2 – विंध्याचल -72,97,800
3 -अष्टभुजा –42,35,770
4 -सीतामढ़ी –25,41,080
5 -सोनभद्र–22,26 310
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी