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सरकार का लक्ष्य भारतीय अल्‍कोहल का निर्यात एक अरब डॉलर तक पहुंचाना: एपीडा

एपीडा के लोगो का फाइल फोटो

-एपीडा ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत मादक पेय पदार्थों के निर्यात को देगा बढ़ावा

नई दिल्ली, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार भारतीय स्पिरिट्स (शराब) की दुनियाभर में बढ़ती मांग को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अल्कोहल युक्त और बिना अल्कोहल वाले पेय पदार्थों (ड्रिंक्स) को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में इसके निर्यात को एक अरब यूएस डॉलर (करीब 8,000 करोड़ रुपये) तक पहुंचाना है।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में बताया कि भारतीय स्पिरिट्स की बढ़ती वैश्विक मांग विकास के लिए अवसर प्रस्तुत कर रही है। मंत्रालय के मुताबिक कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) अगले कुछ वर्षों में एक अरब डॉलर के निर्यात राजस्व के लक्ष्य के साथ वैश्विक स्तर पर भारतीय मादक और गैर-मादक पेय पदार्थों को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है।

मंत्रालय ने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के हिस्से के रूप में एपीडा प्रमुख विदेशी गंतव्यों को भारतीय स्पिरिट्स के निर्यात को बढ़ाने का लक्ष्य बना रहा है। फिलहाल भारत मादक पेय पदार्थों के निर्यात के लिए दुनिया में 40वें स्थान पर है। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय स्पिरिट्स के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में गोडावन सिंगल माल्ट व्हिस्की को यूनाइटेड किंगडम में लॉन्च किया जाएगा, जो भारत के राजस्थान में बनी एक कलात्मक सिंगल माल्ट व्हिस्की है।

मंत्रालय के मुताबिक गोडावन की पहली खेप को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल और डियाजियो पीएलसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डेबरा क्रू, एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव और डियाजियो इंडिया की प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं सीईओ हिना नागराजन तथा अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से यूनाइटेड किंगडम के लिए रवाना किया गया है। इससे पहले गोडावन सिंगल माल्ट व्हिस्की ने एपीडा के तहत मार्च 2024 में लंदन में आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय खाद्य एवं पेय कार्यक्रम (आईएफई) में भाग लिया था और गोडावन का प्रचार-प्रसार किया था।

उल्‍लेखनीय है कि देश का अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का निर्यात वित्‍त वर्ष 2023-24 में 2,200 करोड़ रुपये से अधिक रहा। इसमें सबसे अधिक निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या और रवांडा जैसे देशों को किया गया था।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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