लखनऊ, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उप्र राज्य नियामक आयोग ने निर्देश जारी
कर पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक व चेयरमैन से पुराने स्मार्ट मीटर व वर्तमान में
लग रहे आरडीएसएस योजना के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर 15 दिन के भीतर पूरी स्टेटस
रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की याचिका के बाद
मांगी गयी है।
नियामक आयोग
ने पावर कारपोरेशन से पूछा है कि आयोग द्वारा बनाये गये कानून के तहत स्मार्ट मीटर
रिमोटली कनेक्ट व डिस्कनेक्ट होने चाहिए, फिर प्रदेश में मैन्युअली काम क्यों कर रहे
हैं। जो मीटर आरडीएसएस योजना के तहत लगाया जा रहा है, मीटर बिलिंग आरएमएस पोर्टल से
इंटीग्रेटेड होने में दिक्कत क्यों है?
आयोग ने कहाकि विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए गए कानून
के तहत स्मार्ट मीटर बकाए के बाद कटने पर बिजली बिल का भुगतान करने के दो घंटे में अनिवार्य रूप से जुड़ जाना चाहिए। फिर भी कई कई घण्टों तक क्यों नहीं जुड़ पा रहेहै। स्मार्ट मीटर
यह गंभीर मामलाहै।
विद्युत नियामक आयकर ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिये हैं कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के तहत लगाए गए मीटर व
आरडीएसएस स्कीम के तहत लगाये जा रहे मीटर के अनेक पैरामीटर पर अब हर महीने विद्युत नियामक
आयात को रिपोर्ट सौंपना होगा।
प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में पुराने 2जी 3जी तकनीकी के लगाए गए लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर और वर्तमान में आरडीएसएस योजना
के तहत लगाये जा रहे 27000 करोड के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले को लेकर 29 अगस्त को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत
उपभोक्ता परिषद की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में एक जनहित प्रतिवेदन दाखिल करते
हुए विद्युत नियामक आयोग से उपभोक्ताओं के हित में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई गई
थी। उपभोक्ता परिषद की
तरफ से नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह को विस्तार
से उपभोक्ताओं की समस्याओं से अवगत कराया गया। इसके बाद विद्युत नियामक आयोग ने पूरे मामले की
गंभीरता को देखते हुए अब बड़ा कदम उठाया है और उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के
प्रबंध निदेशक सहित अध्यक्ष पावर कारपोरेशन को सख्त निर्देश भेजते हुए 15 दिन में पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य
सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने अपनी याचिका के माध्यम से यह मुद्दा
उठाया कि बिजली
कंपनियों में जो पुराने 12 लाख स्मार्ट मीटर लगे हैं। वह पूरी तरीके से मैन्युअली काम कर रहे हैं । कहने को स्मार्ट
मीटर है लेकिन काम साधारण मीटर की तरह कर रहे हैं। ऐसे स्मार्ट मीटर के उपभोक्ताओं का बकाया
पर बिजली कनेक्शन कट जाता है। पैसा जमा होने के बाद 8 से 10 घंटे तक विद्युत आपूर्ति चालू नहीं हो पाती। अनेक मामलों में कई दिन लग जाते हैं, जिससे
उपभोक्ता परेशान होता है।
(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय