कुशीनगर, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । कुशीनगर जिले के फाजिलनगर ब्लाॅक के जनपदीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय (संविलयन) रुदवालिया के सहायक अध्यापक सुनील कुमार त्रिपाठी वर्ष 2023-24 का राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
महासोन गांव निवासी सुनील कुमार त्रिपाठी ने 2009-10 में उक्त विद्यालय के प्राथमिक संवर्ग में प्रधानाध्यापक के रुप में कार्यभार ग्रहण किया। तब 132 छात्रों के सापेक्ष केवल दो शिक्षामित्र तैनात थे। बिना चारदीवारी के विद्यालय में दोपहर को ही सब्जी, मांस-मछली का बाजार लग जाता था। विभाग ने चारदीवारी बनवाई तो फिर विद्यालय परिसर में स्थित जूनियर के प्रभारी रामकुंवर प्रसाद, शिक्षामित्र संतोष व सुनैना मिश्रा के साथ सुनील ने विद्यालय को मॉडल विद्यालय बनाने की मुहिम छेड़ दी। वर्ष 2016 में मॉडल विद्यालय बनाने, बच्चों में पौधा वितरण करने तथा स्मार्ट कक्षा चलाने के प्रयास के लिए विद्यालय को जनपदीय आदर्श विद्यालय घोषित कर सुनील कुमार त्रिपाठी को प्रशस्ति पत्र तथा एक लाख बीस हजार रुपये का चेक दिया। वर्ष 2019 में तत्कालीन बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंदु विक्रम सिंह ने भी सुनील त्रिपाठी को उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया। वर्ष 2018 में कम्पोजिट विद्यालय बनने के बाद पुरस्कार दिया। तत्कालीन डीएम आंद्रा वामसी तथा बीएसए ने 400 सौ से अधिक विद्यार्थी, स्मार्ट व कम्प्यूटर कक्षा, सीसीटीवी कैमरा, साउंड सिस्टम, व्हाइट बोर्ड आदि की सुविधा देख प्रत्येक न्यायपंचायत में रुदवलिया जैसे दो-दो विद्यालय बनाने की पहल की। राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल कलराज मिश्र ने 2019 में विद्यालय में बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरुआत कराई। आज इस विद्यालय में छह गांव के करीब 500 विद्यार्थी नामांकित है।विद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय आय व योग्यता आधारित परीक्षा में सफल तथा मण्डल स्तरीय खेलों में विजयी हो रहे हैं।
बारह वर्षों में बच्चों काे बांटे ग्यारह हजार पौधे: शिक्षक ने 2012 से नामांकित बच्चों में दो-दो पौधों का उपहार देना शुरू किया। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रुदवलिया गांव में अब तक 11 हजार से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।
इसके अतिरिक्त सामुदायिक सहयोग से सुनील ने विद्यालय में स्मार्ट कक्षा,विज्ञान प्रयोगशाला,बायोमेट्रिक,सीसी कैमरा, साउंड सिस्टम, सरस्वती मन्दिर, महात्मा गांधी मन्दिर, विवेकानन्द प्रवेश द्वार स्थापित किया। बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु अलग से सिलाई-कढ़ाई तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसके लिए चार मशीनें भी विद्यालय में उपलब्ध हैं। आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का शत प्रतिशत नामांकन नजदीकी इंटर कालेजों में कराते हुए विद्यालय परिवार द्वारा उन्हें पासबुक व एटीएम संग विदा किया जाता है। नजदीकी अनेक विद्यालयों के नवाचारी शिक्षक शिक्षिकाओं ने चयनित शिक्षक से प्रशिक्षण लिया। शिक्षक-शिक्षिकाएं दूरस्थ जिलों के विद्यालयों में योगदान देकर बच्चों का भविष्य संवार रही हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राम जियावन मौर्य ने बताया कि स्कूल में शिक्षा को लेकर सुनील कुमार त्रिपाठी ने बेहतर कार्य किया है। राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए उनका चयन होना गौरव की बात है। उनसे जिले के सभी शिक्षकों को सीख लेकर विद्यालयों में बेहतर काम करना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / गोपाल गुप्ता