Punjab

गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश पर्व पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे दरबार साहिब

गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश पर्व के अवसर पर दरबार साहिब में उमड़ी संगत

चंडीगढ़, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश पर्व के अवसर पर बुधवार को भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने सचखंड दरबार साहिब में माथा टेका। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में देश-विदेश से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने यहां गुरुबाणी कीर्तन सुना। इस अवसर पर गुरुद्वारा रामसर साहिब में अखंड पाठ के भोग के उपरंत सचखंड हरिमंदिर साहिब तक सिख परंपरा के अनुसार नगर कीर्तन सजाया गया।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छतर छाया में पांच प्यारों के अगुवाई में सजाए गए नगर कीर्तन की रवानगी के समय सचखंड हरिंमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी एवं अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी तथा सचिव भाई रजिंदर सिंह ने पांच प्यारे, निशानची व नगारची सिंघों को सिरोपा देकर सम्मानित किया।

अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने संगत के नाम पर जारी संदेश में कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब सिखों के ईष्ट हैं और प्रत्येक सिख का यह फर्ज बनता है कि वह गुरुबाणी द्वारा दिखाए मार्ग पर चलकर अपना जीवन यापन करे। उन्होंने कहा कि पांवचें पातशाह श्री गुरु अर्जुन देव ने अपने हाथों से 1604 में गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन करके पहला प्रकाश सचखंड हरिमंदिर साहिब में किया। पांचवें पातशाह ने बाबा बुढ्ढा जी को सेवा संभाल के लिए प्रथम ग्रंथी नियुक्त किया। जिससे ग्रंथी परंपरा की शुरूआत हुई। अकाल तख्त जत्थेदार ने कहा कि गुरुकाल से लेकर आज तक प्रथम प्रकाशोत्सव के अवसर पर संगत यहां जुटती है और गुरु ग्रंथ साहिब को श्रद्धा भेंट करती है।

——————————————-

—————

(Udaipur Kiran) शर्मा

Most Popular

To Top