जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम का इस्तीफा स्वीकार
चंडीगढ़, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा में कई माह से अल्पमत में चल रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार अब बहुमत में आ गई है।जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक रामकुमार गौतम का विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया।दाे दिन पहले
ही रामकुमार भाजपा में शामिल हुए थे।
मंगलवार काे विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने नारनौंद सीट से जजपा के विधायक रामकुमार गाैतम का विधानसभा की सदस्यता से
इस्तीफा स्वीकर कर लिया। इसके साथ ही स्पीकर ने नारनौंद सीट काे रिक्त घोषित कर दिया है। रामकुमार गौतम दो दिन पहले जींद रैली के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे।
गाैतम का इस्तीफा स्वीकार हाेने के बाद अब 90 सदस्यीय विधानसभा में 81 सदस्य बचे हैं। बहुमत के लिए सरकार को 41 का आंकड़ा चाहिए, जो भाजपा के पास हैं। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। सरकार अगर अब विधानसभा का सत्र बुलाती है तो पिछले महीने जारी पांच अध्यादेशों को भी सदन में आसानी से पारित कराया जा सकेगा। हलोपा विधायक गोपाल कांडा (सिरसा) और निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत (पृथला) भी सरकार के साथ हैं। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के पास 28 विधायक, जजपा के पास छह विधायक (रामकरण काला, देवेंद्र बबली और ईश्वर सिंह पार्टी छोड़ चुके हैं, परंतु इनका विधायक पद से त्यागपत्र लंबित है), तीन निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन (पुंडरी), धर्मपाल गोंदर ( नीलोखेड़ी) और बलराज कुंडू (महम) और इनेलो के एकमात्र अभय चौटाला (ऐलनाबाद) हैं। इस प्रकार सदन में विपक्षी विधायकों की कुल संख्या 38 है।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि संवैधानिक रूप से 12 सितंबर से पहले हरियाणा विधानसभा का सत्र बुलाना जरूरी है। पिछला सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था और सदन की दो बैठकों के बीच छह महीने का अंतर नहीं होना चाहिए। हालांकि 12 सितंबर से पूर्व कैबिनेट की सिफारिश पर राज्यपाल मौजूदा 14वीं विधानसभा को भंग भी कर सकते हैं, ऐसे में विधानसभा का सत्र बुलाने की भी आवश्यकता नहीं होगी। उन्हाेंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि समय पूर्व भंग हुई विधानसभा के मामले में छह महीने से पूर्व अगला सत्र बुलाने की संवैधानिक अनिवार्यता नहीं होती है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा