कटनी, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । कुठला थाना परिसर में एक अंधविश्वास का मामला सामने आए हैं, जिसके फेर में आम आदमी की बात तो छोडिय़े स्वयं पुलिस भी इस झमेले में पड़ गई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यहां पर बने एक पुलिस क्वार्टर में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी रहने को राजी नहीं है, जो भी कर्मचारी यहां के रहस्य को सुनता है वह सिहर उठता है और क्वार्टर आवंटन नहीं कराता।
जानकारी के अनुसार कुठला थाना के पीछे दो पुलिस क्वार्टर बने हुए हैं। दाहिने ओर वाले क्वार्टर 2018 से खाली पड़ा है। बाईं ओर के क्वार्टर में तत्कालीन निरीक्षक विपिन सिंह रह रहे थे, उनके जाने के बाद वह भी खाली पड़ा है। बताया जा रहा है कि यहां पर एक एएसआई भदौरिया रहते थे। पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि जब वह यहां पर परिवार के साथ रहते थे तो अटपटी घटनाएं हो हुआ करतीं थी। इसके कारण उसे खाली कर दिया गया और अभी तक किसी दूसरे अधिकारी-कर्मचारी के लिए थाना स्तर पर व एसपी कार्यालय से आवंटन नहीं किया गया।
पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि इस क्वार्टर में जो भी रहता है तो रात में पत्थर बरसाने, अचानक दीवारों का रंग बदल जाने, किसी व्यक्ति परछाई दिखाई देने, पेड़ गिरने आदि की अवाज एकदम से आती है, जिससे परिवार के सदस्य भयभीत होने लगते थे। उस दौरान पुलिस अधिकारियों को भी अवगत कराया गया था। इतना ही नहीं कुछ अटपटी घटना भी हुई हैं, जिससे यहां पर भय का माहौल बन गया है और 5 साल से क्वार्टर खाली पड़ा है। इस मामले को लेकर कुठला थाना प्रभारी अभिषेक चौबे ने कहा कि कर्मचारियों ने भूत-प्रेत, या किसी देवता का प्रकोप होने की बात कह रहे हैं। इसलिए यहां कोई रहने को तैयार नहीं है फिर भी इस मामले को दिखाया जाएगा।
पुलिस कर्मचारियों ने बताया कि क्वार्टर में जब अटपटी घटनाएं हो रही थीं, उस समय लोगों ने एक चबूतरे का निर्माण कराया गया। यहां पर विधि-विधान से तांत्रिक, पंडितों द्वारा पूजन कराया गया। लेकिन अब यहां पर भय का माहौल बन गया है, जिसके कारण कोई रहने को राजी नहीं है। बात यहां तक आ पहुंची हैं कि पुलिस फिर किसी बड़े गुनिया-पंडा का सहारा लेगी।
अभिजीत कुमार रंजन, पुलिस अधीक्षक कटनी का कहना है कि कुठला थाना के पीछे एक क्वार्टर खाली होने की सूचना मिली है। कुछ अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि वहां पर किसी भूत-प्रेत आदि द्वारा घटनाएं की जाती हैं। पुलिस इन सब बातों को नहीं मानती। मामले को दिखवाया जाएगा कि आखिरकार अबतक क्वार्टर का आवंटन क्यों नहीं हुआ।
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(Udaipur Kiran) / राकेश चतुर्वेदी