अनूपपुर, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । अतिथि शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नियमितीकरण, आरक्षण और अन्य मांगों को लेकर बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक सोमवार को रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नाम संयुक्त कलेक्टर दिलीप पांडे को ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी भी दी कि मांग पूरी न होने पर 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस पर भोपाल पहुंचकर वे सीएम हाउस का घेराव करेंगे। जिसमें कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महापंचायत में 6 सूत्रीय मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया था, उसके बाद मांगे पूरी नहीं हुई।
अतिथि शिक्षक संघ के जिला ने बताया कि विगत कई वर्षों से हजारों अतिथि शिक्षक स्कूलों में पढ़ाकर अपना परिवार चला रहे हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 सितंबर 2023 में अतिथि शिक्षक महापंचायत में की गई घोषणाओं को लागू नहीं किया। और न ही वर्तमान की डॉ. मोहन यादव की सरकार कर रही हैं।
उन्होंने ज्ञापन में उल्लेख करते हुए कहा हैं कि मध्यप्रदेश में विगत 18 वर्षों से अतिथि शिक्षक नियमित शिक्षकों की भांति सरकारी विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बीते 17 वर्षों तक बहुत ही कम मानदेय में वह अपनी सेवाएं देते रहे थे। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षक महापंचायत आज ही के दिन में अतिथि शिक्षकों के हित में घोषणाएं की थीं, लेकिन घोषणा की गई 6 बिंदुओं से केवल एक ही पूरा हो पाया, बाकी घोषणाओं पर आज तक अमल नहीं हो पाया है। इसलिए हमारी मांग है कि खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर तत्काल नियुक्ति आदेश जारी करें, शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए साल भर का अनुबंध किया जाए, शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण और हर साल 4 अंक अधिकतम 20 अंक बोनस के दिए जाएं। अतिथि शिक्षकों को महीने की निश्चित तारीख को मानदेय दिया जाए,अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को एन आई ओ एस प्रशिक्षित कराए जाएं और दो वर्ष का समय दिया जाए। इसके अलावा अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में अनुभव के 10 अधिकतम 100 अंक दर्ज किए जाएं। 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को एक अवसर दिया जाए। किसी भी कारण से बाहर हुए अतिथि शिक्षकों को अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर खाली पदों में समायोजित किया जाए। 4 सितंबर तक अगर मांगे नहीं मानी जाती तो 5 सितंबर को भोपाल में सीएम से मिलेंगे।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला