मेरठ, 02 सितम्बर (Udaipur Kiran) । चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय में दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार को लेकर जमकर हंगामा किया। छात्रों ने कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उनके कार्यालय पर धावा बोल दिया। आरआरएफ जवानों ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे गुस्साए छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर तोड़फोड़ की और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर कुछ दिन पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय में हंगामा किया था तथा मांग पूरी करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। एक सप्ताह बाद भी मांगें पूरी नहीं हाेने पर एबीवीपी मेरठ प्रांत ने दो सितम्बर को हल्ला बोल की घोषणा की थी। तीन सितम्बर को दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंद बेन पटेल भाग लेने आ रही हैं। दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले सोमवार को कई जिलों के एबीवीपी कार्यकर्ता बसों में सवार होकर विश्वविद्यालय पहुंच गए और कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
एबीवीपी के मेरठ महानगर अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र अहलावत की अगुवाई में छात्रों ने कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्हें मौके पर बुलाने की मांग की, लेकिन कुलपति मौके पर नहीं आई। बाद में कुलपति मौके पर पहुंची तो छात्रों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद कुलपति वहां से वापस चली गई तो छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया और कुलपति कार्यालय पर धावा बोल दिया। पुलिस के साथ भी छात्रों की धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद आरआरएफ के जवानों ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई और कई छात्रों को चोटें आई। गुस्साए छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर रखे गमलों को तोड़ दिया और ऑफिस का शटर भी उखाड़ने का प्रयास किया। छात्रों ने कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। राज्यपाल के आगमन से एक दिन पहले एबीवीपी के आंदोलन की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई और आंदोलन को शांत करने के प्रयास शुरू हो गए। प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर भी विश्वविद्यालय पहुंचे। शाम को एबीवीपी के क्षेत्र संगठन मंत्री मनोज निखरा भी विश्वविद्यालय पहुंचे और छात्रों से पूरे मामले की जानकारी ली।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.कुलदीप त्यागी