महोबा, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद अमावस्या सोमवार पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है। सनातन संस्कृति में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। सुबह से ही सुहागवती महिलाओं ने मंदिर पहुंचकर तुलसा माता और पीपल के की परिक्रमा कर सुहाग की दीर्घायु की कामना की है।
इस बार भाद्रपद अमावस्या आज 2 सितंबर 2024 को है। इसे भादो अमावस्या या भदौही अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार के दिन पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है। इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है इसलिए उसे सपूंर्ण विधि से करना चाहिए। सुबह से ही सुहागन महिलाओं ने घरों पर और मंदिर पहुंच कर माता तुलसी की 108 परिक्रमा लगाकर अपने पति की दीर्घायु की कामना की है और घर परिवार की सुख समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना की है।
पंडित त्रिपुरारी चतुर्वेदी बताते हैं कि हर माह में आने वाली अमावस्या तिथि को सभी दिनों में विशेष माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा शांति के लिए पूजा पाठ से जुड़े कार्य किए जाते हैं, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पितरों को प्रसन्न और उनका आशीर्वाद पाने के लिए अमावस्या तिथि पर स्नान, दान से जुड़े कार्य करने चाहिए। साल में 12 अमावस्याएं मनाई जाती हैं, जिनमें भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि को सबसे खास माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती हैं।
(Udaipur Kiran) / Upendra Dwivedi