RAJASTHAN

एचएसआरपी नंबर प्लेट में कमीशन के पैसे को लेकर वाहन निर्माता कंपनियों ठेकेदारों और नेताओं के झगड़े में पिस रही है आम जनता: खाचरियावास

सभी कांग्रेस कार्यकर्ता और नागरिक 15 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराएंगे:खाचरियावास

जयपुर, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के नाम पर राजस्थान में बहुत बड़ा घोटाला हो रहा है, अब तो डबल इंजन की सरकार में आपस में झगड़ा हो गया,झगड़ा सिर्फ कमीशन का है,बिना सोचे समझे परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने नो महीने बाद एचएसआरपी नंबर प्लेट के नाम पर केंद्र सरकार के सियाम पोर्टल को ही गलत साबित कर दिया। डबल इंजन की सरकार में अब राज्य और केंद्र सरकार में भ्रष्टाचार के पैसे को लेकर इंजन आपस में टकरा रहे हैं।

राज्य के परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा को साफ आदेश जारी करने चाहिए कि अब एचएसआरपी नंबर प्लेट के नाम पर प्रदेश के किसी व्यक्ति को ठगा नहीं जाएगा, यदि किसी व्यक्ति की इच्छा हो तो एचएसआरपी प्लेट लगाए और यदि किसी की इच्छा नहीं है तो नहीं लगाएं। सभी लोगों के पास एचएसआरपी की प्लेट लगाने के पैसे नहीं है,16 लाख से ज्यादा लोगों ने सियाम पोर्टल पर एचएसआरपी प्लेट लगाने का आवेदन कर दिया क्योंकि राज्य सरकार के अधिकारी जनता को डरा रहे थे, अब परिवहन मंत्री कह रहे हैं सियाम पोर्टल बंद कर दिया गया है, 5 लाख से ज्यादा लोगों ने सियाम पोर्टल से प्लेट बनवा ली इतने ही लोग सियाम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, आपका इस पोर्टल से कोई झगड़ा हो गया हैं तो आप 20 पोर्टल और नए बना दो। राजस्थान के हर दुकान और थड़ी पर कांग्रेस सरकार के समय में नंबर प्लेट बनाने के अधिकार थे इस तरह के अधिकार अभी दिए जा सकते हैं लेकिन भ्रष्टाचार के इस खेल में जनता पिस रही है। पैसा जनता का, वाहन जनता का, नंबर प्लेट जनता की और कमीशन का झगड़ा नेता ठेकेदार अधिकारी और वाहन निर्माता कर रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है कि इस नंबर प्लेट के लगने से जनता को कोई फायदा नहीं होने वाला है। जनता के पैसे से ठेकेदारों, नेताओं अधिकारियों को ही फायदा होने वाला है। परिवहन मंत्री जी यदि आदेश निकालना है तो साफ निकालें एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि कोई लगाना चाहे तो लगाएं और यदि नहीं लगाना चाहे तो नहीं लगाए।

परिवहन मंत्री को यह भी बताना चाहिए की सियाम पोर्टल से उनके क्या मतभेद हो गए हैं और इसमें जनता क्यों पीस रही है?

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(Udaipur Kiran)

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