नई दिल्ली, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने में केंद्र की भाजपा सरकार से सहयोग नहीं मिलने पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही, इस संबंध में बैठक करने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखे गए उनके पत्र पर भाजपा द्वारा आपत्ति जताने पर उन्होंने जवाब दिया है।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण सबके सहयोग से कम होगा, विरोध से नहीं। इसलिए इस मामले में केंद्र सरकार सहयोग करे। हम कृत्रिम वर्षा का सारा खर्च उठाने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसमें कई परमिशन चाहिए, जो केवल केंद्र सरकार ही दे सकती है। उन्होंने कहा कि इस बार पूरे अगस्त में दिल्ली का एक्यूआई 50-70 के बीच रहा, क्योंकि लगातार बारिश होने से प्रदूषण के स्रोत बेअसर हो गए। इसलिए हम सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम वर्षा कराना चाहते हैं। इससे पहले, ओलंपिक के दौरान चीन, जंगल में आग लगने पर मलेशिया और एक्यूआई बढ़ने पर पाकिस्तान के लाहौर में कृत्रिम वर्षा कराई जा चुकी है।
राय ने प्रेसवार्ता कर कहा कि नवंबर के महीने में उत्तर भारत और खासतौर से दिल्ली के 250 से 300 किलोमीटर के दायरे में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। प्रदूषण बढ़ने की वजह से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अंदर एक आपात स्थिति पैदा हो जाती है। इस प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार लगातार काम कर रही है और इसका हमें परिणाम भी दिख रहा है। दिल्ली में जब से हमारी सरकार बनी है, तब से लगातार प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। पूरे साल का आंकड़ा इस बात को बताता है। लेकिन पूरे साल प्रदूषण का स्तर कम रहने के बावजूद नवंबर में इसका स्तर बढ़ता है। उस आपातकाल स्थिति में क्या-क्या आपातकालीन उपाय रखे जा सकते हैं, इसे बताते हुए पिछले साल आईआईटी कानपुर के पर्यावरण विशेषज्ञ ने हमारे सामने प्रस्ताव रखा था कि कई देशों में इस तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कृत्रिम वर्षा और क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी