लखनऊ, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आवासों के निर्माण में उत्तर प्रदेश अन्य राज्य सरकारों में अपेक्षा सबसे आगे हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन लाभार्थियों को आवासों के लिए जो धनराशि आवंटित की गयी है, उसके सापेक्ष जो आवास नहीं बन पाये या अधूरे हैं, उन्हें अतिशीघ्र पूरा कराया जाय।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं आवासों के निर्माण में जहां शिथिलता बरती गयी हो, वहां की जांच मुख्यालय स्तर से करायी जाय और जहां लापरवाही की गयी होगी, जांचोपरांत यदि कोई दोषी पाया गया तो सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। ग्रामीण कल्याण की किसी भी योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उप मुख्यमंत्री द्वारा आवासों के निर्माण कार्यों की लगातार समीक्षा की जा रही है।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि आवास के निर्माण की स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है, और अभी दो दिन पहले भी सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि डिलेड हाउस की ग्राम पंचायतवार समीक्षा की जाय और अभियान चलाकर समय से निर्माण पूर्ण कराया जाय। अधूरे आवास न रहे इसके लिए विभाग द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत प्रदेश को वर्ष 2016-17 से अब तक 36.15 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक 35.85 लाख आवास का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है, लगभग 30 हजार आवास निर्माणाधीन है। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण में लक्ष्य के सापेक्ष 99.21 प्रतिशत आवास पूर्ण करा दिये गये है, ओ अन्य राज्यों की तुलना में सबसे आगे हैं, 98.72 प्रतिशत आवास बनाकर बिहार दूसरे स्थान पर व 98.04 प्रतिशत आवास बनाकर राजस्थान तीसरे स्थान पर है, वहीं अरुणाचल प्रदेश 98 प्रतिशत आवास पूर्ण कर चौथे स्थान पर है, व अन्य राज्य भी उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। श्री प्रियदर्शी ने बताया कि उत्तर प्रदेश शीघ्र ही 99.50 प्रतिशत आवास पूर्ण करने जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन यादव