शिमला, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिला शिमला में पिछले 15 माह में मादक पदाथों की तस्करी के 600 मामले दर्ज हुए हैं। इस दौरान एक हजार से अधिक नशा तस्करों की गिरफ्तारी हुई है। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने शनिवार को जिला स्तरीय नार्काे कोर्डिनेशन सेंटर की बैठक में यह जानकारी दी है। इस बैठक की अध्यक्षता शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने की।
पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि इसमें अधिकांश मामले चिट्टे से जुड़े हुए है। पुलिस ने विभिन्न मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को अटैच भी कर दिया है। चिट्टे के कारोबार में कई अहम प्रोफेशन से जुड़े लोगों की संल्पित्ता पाई गई है, जोकि काफी चिंतनीय विषय है। लेकिन आम जनता पुलिस को सूचना देने में परहेज करती है। अगर जनता पुलिस को सूचना मुहैया कराएगी तो तीव्र गति से नशे के कारोबारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस सूचना देने वाले की जानकारी को हमेशा गुप्त रखती है। उन्होंने कहा कि चिट्टे को हल्के में नहीं लेना चाहिए। बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों पर निगरानी बढ़ानी चाहिए और उनका चिकित्सीय उपचार भी करवाना चाहिए। इसके साथ ही पुलिस की सहायता से नशे के खिलाफ अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि आगामी एक महीने के भीतर जिले में नशे के खिलाफ निपटने के लिए विस्तृत अभियान के बारे में रोड़मैप बनाया जाएगा। इसके बाद जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि जिले में नशे की चपेट में युवा पीढ़ी धंसती जा रही है। इसके लिए जन सहभागिता को बढ़ाने की दिशा में व्यापक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जिला के लोगों से अपील की है कि नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों की सूचना पुलिस और प्रशासन को दें। क्योंकि दिन-प्रतिदिन नशा हमारी युवा पीढ़ी को कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर खंड में ऐसे स्थानों का चयन किया जाएगा, जहां पर नशे का कारोबार फलफुल रहा है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा