-विमुक्त जातियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : नरेन्द्र कश्यप
लखनऊ, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । देश के स्वतंत्रता आंदोलन में विमुक्त एवं घुमंतु जातियों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। 1857 की क्रांति में घर-घर कमल और रोटी पहुंचा कर क्रांति की पृष्ठिभूमि को तैयार करने में इन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इनके रण कौशल ने अंग्रेज हुकूमत को जमकर छकाया। ये बातें समाज कल्याण, अनुसुचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 73वें विमुक्त जाति दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। इस मौके पर नरेंद्र कश्यप, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री अरूण ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार विमुक्त एवं घुमंतु जातियों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक उत्थान के लिए कटिबद्ध है। इनको विकास की मुख्यधारा में जोड़ने तथा इनके चौमुखी विकास के लिए विभिन्न योजनाओं से आच्छादित किया जा रहा है। राज्य सरकार इनको बुनियादी सुविधाएं जैसे आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली एवं पानी आदि उपलब्ध करा रही है।
वर्तमान समय में इस समुदाय के छात्रों को शिक्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रोत्साहित कर रही है। इनके लिए आवासीय और गैर आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। बच्चों को शिक्षा के साथ कौशल विकास के मध्यम से रोजगारपरक संसाधनों से भी जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त बच्चों को छात्रवृत्ति के साथ किताब, कॉपी, ड्रेस आदि भी सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि सरकार विमुक्त जातियों के लिए लगातार कार्य कर रही है। देश की आजादी को लेकर इस समुदाय ने ज्वाला जलाने का काम किया। इनके कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित हो रही हैं और आवश्यकता अनुसार अन्य सुविधाएं भी केंद्र व राज्य सरकार दे रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि केन्द्र और राज्य सरकार विमुक्त समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कटिबद्ध है।
कार्यक्रम में विमुक्त समुदाय से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले 15 लोगों सम्मानित किया गया। इसमें दो खिलाड़ी, तीन विभिन्न सरकारी विभागों में चयनित और 10 शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोग शामिल हैं।
विमुक्त समुदाय से जुड़े कलाकारों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस मौके पर कालबेलिया नृत्य, लोकगीत आदि का कलाकारों ने प्रदर्शन किया।
(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण