HimachalPradesh

नशे के खिलाफ पंचायतों के सहयोग से चलेगा विशेष अभियान

राज्यपाल शुक्ल राजभवन में बैठक करते हुए

शिमला, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे पर अंकुश लगाने के लिए जिला स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और बी.डी.सी. सदस्यों को शामिल कर विशेष अभियान चलाया जाएगा। पंचायत स्तर पर अभियान की सफलता के बाद इस अभियान को एकीकृत रूप से आरम्भ किया जाएगा, जिसमें शिक्षा, पुलिस सहित अन्य विभागों को भी शामिल कर इसे और प्रभावी बनाया जाएगा।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की शनिवार को राजभवन में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने विभाग को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि शीघ्र उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज महत्वपूर्ण विभाग है, जो न केवल ग्रामीण स्तर पर विकासात्मक कार्यों बल्कि जागरूकता के लिए प्रभावी कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे के खिलाफ मिलकर अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशे को रोकना है तो पंचायती राज और शिक्षा विभाग दोनों ऐसे सेक्टर हैं, जिनपर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऊना जिले में भी इस तरह के अभियान का शुभारम्भ किया गया था, जो एक वर्ष तक चला और इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।

राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की कि सरकार भी नशे के खिलाफ गंभीरता से प्रयास कर रही है और इस विषय पर हो रही चर्चा से वह अवगत हैं। लेकिन, सामुहिक प्रयासों से नशे के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाया जा सकता है जिससे आम आदमी भी खुलकर नशा करने वालों और नशा बेचने वालों के विरोध में आगे आएंगे। उन्होंने विभाग को वीडियो संदेश तथा जागरूकता सामग्री से ग्रामीण स्तर पर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया।

अनिरूद्ध सिंह ने राज्यपाल की इस पहल पर विभाग द्वारा हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को नशामुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और ऐसे अनेक पग उठाए गए हैं जिससे नशे पर पूर्ण अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने नशे के मामले में कानून में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चिंता सिंथेटिक ड्रग्स की है और आए दिन नए कैरियर बन रहे हैं। प्रदेश की जेलों मे चिट्टे के मामले क्षमता से अधिक हैं। उन्होने आश्वासन दिया कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में इस अभियान को प्रभावी तरीके से आरम्भ किया जाएगा तथा उपायुक्तों को भी अभियान में शामिल कर इसे सफल बनाया जाएगा।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top