हल्द्वानी, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर के कई व्यापारियों ने पिछले कई सालों से निगम की दुकानों का किराया जमा नहीं कराया है। किराया न देना यह किरायेदारी नियमावली का उल्लंघन है। करीब 70 दुकानदारों को नोटिस देने के बाबजूद भी यह लोग किराया जमा नहीं कर रहे हैं। वर्षों से किराया दबाए बैठे व्यापारियों पर निगम प्रशासन अब सख्ती करने की तैयारी में है। नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने यह जानकारी दी।
नगर आयुक्त मिश्रा ने बताया कि हर साल एक जून से 31 जून तक जमा करने वालों को छूट मिलती हैं। इसके साथ ही निगम एडवांस में जमा करने वाले लोगों को 10 प्रतिशत की छूट भी प्रदान करता है। लिहाजा 31 जून के बाद, 10 रुपये रोज का जुर्माना लिया जाता है। जिन व्यापारियों ने 2- 3 वर्षों से किराया नहीं दिया। उनकी अनुबंधित प्रमाण आरसी कटने की तैयारी है। इसके अलावा कई दुकानों को सील करने की भी कार्यवाही की जा रही है।
उन्हाेंने जानकारी दी कि हल्द्वानी नगर निगम के अधीन लगभग 1200 दुकानें आती हैं। इस दुकानों से निगम को हर साल सवा करोड़ रुपये की आय होती है। निगम से अनुबंधित दुकानों का किराया पांच रुपए प्रति स्कवायर फीट के हिसाब से नगर निगम वसूलता है। इन दुकानों का हर पांच साल में 10 प्रतिशत किराया बढ़ाने का प्रावधान होता है। इससे पहले वर्ष 2022-23 में किराया बढ़ाया गया था। आपको जानकारी देते चलें की बाजार में एक सामान्य दुकान का किराया 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह है, जबकि निगम की दुकानों का सालाना औसत किराया 12600 रुपये (1050 मासिक) है।
श्रेणी के आधार पर यह छह से 18 हजार सालाना होता है। नगर निगम की कालाढूंगी रोड, वर्कशाप लाइन, काठगोदाम, तिकोनिया, जजी परिसर के पास, जगदम्बा नगर, रामपुर रोड, बरेली रोड, राजपुरा के अलावा बाजार क्षेत्र में रामलीला मोहल्ला, मंगलपड़ाव, पटेल चाैक, नया बाजार, पैठपड़ाव, साहूकारा लाइन, चैक बाजार आदि इलाकों में 1200 दुकानें किराये पर चलती हैं।
(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता