Chhattisgarh

सुकमा : एक महिला सहित पांच नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा : 01 महिला सहित 05 नक्सलियों ने किया  आत्मसमर्पण

सुकमा, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । सुकमा जिले में सक्रिय एक महिला सहित पांच नक्सलियों ने शुक्रवार को पुलिस एवं सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की उद्देश्य से नक्सली संगठन में सक्रिय एक महिला सहित कुल पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पित नक्सली अरलमपल्ली आरपीसी सीएनएम सदस्या महिला दुधी भीमे पति सोडी रमेश 21 वर्ष, निवासी अरलमपल्ली थाना पोलमपल्ली जिला सुकमा, टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य वेट्टी राजा पिता वेट्टी हिड़मा 30 वर्ष निवासी कोसनपाड थाना किस्टाराम जिला सुकमा, टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य वंजाम गंगा पिता स्व. मासा 27 वर्ष निवासी कोमलपाड़ थाना किस्टाराम जिला सुकमा, टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य दुधी पोज्जा उर्फ बोक्के उर्फ बैरा पिता भीमा 26 वर्ष निवासी कोसनपाड थाना किस्टाराम जिला सुकमा, एवं टे्टेमड़गू आरपीसी मिलिशिया सदस्य कवासी भीमा पिता स्व. हिड़मा 49 वर्ष निवासी कोसनपाड थाना किस्टाराम जिला सुकमा के द्वारा आज शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में एएसपी नक्सल ऑप्स मनीष रात्रे, सीआरपीएफ 188 वाहिनी सहायक कमाण्डेन्ट कृष्ण कुमार चंद्रा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। महिला नक्सली दुधी भीमे पति रमेश को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में जी/188 वाहिनी सीआरपीएफ सूचना शाखा एवं थाना पुलिस बल पोलमपल्ली का विषेष प्रयास रहा एवं शेष नक्सलियों को आत्मसर्मण हेतु प्रोत्साहित करानें में कोबरा 208 वाहिनी सहायक कमाण्डेन्ट रामकृष्ण तिवारी सूचना शाखा एवं डीआरजी अल्फा टीम की रही विशेष प्रयास था।

उपरोक्त सभी सदस्य प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर नक्सली गतिविधियों पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक, बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरुद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने आदि घटनाओं में शामिल रहे है। उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधाएं प्रदान किए जाएंगे।

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(Udaipur Kiran) / मोहन ठाकुर

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