नई दिल्ली, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक करोड़ लोगों को जागरूक करने का लक्ष्य अब बढ़कर लगभग 3.42 करोड़ लोगों तक पहुंच गया है। 28 चुने हुए शहरों में भिक्षावृत्ति के कार्य में लिप्त व्यक्तियों की पहचान और प्रोफाइलिंग की गई है। 50 नए शहरों में स्माइल भिक्षावृत्ति प्रोजेक्ट का कवरेज बढ़ाया गया है। 352 बच्चों की पहचान कर उनका पुनर्वास किया गया है। इसी प्रकार नमस्ते स्कीम में कचरा बीनने वालों को भी शामिल कर लिया गया है।
शुक्रवार को अंबेडकर भवन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के मंथन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कहा कि मंत्रालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिफॉर्म और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ जातिभेद, दिव्यांगता और ट्रांसजेंडर समाज के प्रति संवेदनशील होने का संदेश स्मरण करवाया है। जम्मू कश्मीर से लेकर बिहार तक हमारे मंत्रालय ने सामाजिक न्याय और जनसेवा के उत्कृष्ट कार्य किए हैं।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को सुविधा देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को प्रोत्साहन और उपचार सुविधाओं में आयुष मॉड्यूल का एकीकरण, सोशल स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत फंड रेजिंग, ‘मैनहोल टू मशीन होल’ के अंतर्गत 100 स्वच्छता वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं। पीएम-अजय स्कीम के अंतर्गत 2500 आदर्श गांवों के लक्ष्य के अंतर्गत 2291 गांव पहले ही आदर्श ग्राम घोषित किए जा चुके हैं। मंथन कार्यक्रम में अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक दशक में पीएम सूरज पोर्टल के अंतर्गत आईआईएम, आईएसबी सहित 161 उत्कृष्ट केंद्रों की पहचान की गई और 6 आईआईएम द्वारा 43 छात्रों की पहचान की जा चुकी है। विश्वास-2.0 शुरू कर इसे पीएम-सूरज के साथ एकीकृत किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी