Uttar Pradesh

उपभोक्ता परिषद ने कहा, अनपरा डी परियोजना में देरी से एक हजार करोड़ का हुआ नुकसान, केन्द्र सरकार करे भरपाई

बिजली प्रतिकात्मक फोटो

लखनऊ, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । कैपिटल कास्ट पर शुक्रवार

को विद्युत नियामक आयोग में हुई सुनवाई के दौरान उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद

ने हाई प्रोफाइल अनपरा डी परियोजना को तैयार करने वाली बी0एच0ई0एल पर हमला बोला। परिषद ने कहा कि इसकी

वजह से आज उत्तर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को इस परियोजना से सस्ती बिजली नहीं

मिल पा रही है।

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि बी0एच0ई0एल की वजह से परियोजना पांच साल

लेट से हुई, जिसकी वजह से प्रदेश को लगभग 5 वर्षों तक 550 मिलियन यूनिट जेनरेशन का नुकसान हुआ।5 साल में 1800 करोड का

नुकसान संभावित है। परियोजना देर से बनने की वजह से 1000

करोड का नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई केंद्र

सरकार को करना चाहिए।

हाई प्रोफाइल अनपरा डी परियोजना

के कैपिटल कॉस्ट निर्धारण पर आज विद्युत नियामक आयोग के सभागार में आम जनता की

सार्वजनिक सुनवाई संपन्न हुई। आयोग अध्यक्ष अरविंद कुमार की

अध्यक्षता में संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में जहां पावर कारपोरेशन के

अधिकारियों सहित उत्पादन निगम के अधिकारी उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष उपस्थित

थे। आज एक बार फिर ऐसा मौका सामने आया, जहां उपभोक्ता परिषद

अध्यक्ष की दलीलों को पावर कारपोरेशन के अधिवक्ता ने सपोर्ट किया।

सबसे पहले

प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का पक्ष रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा

कि इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से तैयार करने के लिए 2007 में रुपया 5358 करोड में तैयार करने का अनुबंध किया, लेकिन इस परियोजना को सबसे अधिक समय लगभग नौ साल

में तैयार किया और जिसकी कुल कैपिटल कॉस्ट जो 7027 करोड और

बाद में अतिरिक्त खर्च की वजह से 7799 करोड में तैयार हुई। इसकी वजह से उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली नहीं मिल पाई। परियोजना को देर में तैयार करने की वजह से प्रत्येक वर्ष 550 मिलियन यूनिट जेनरेशन का लॉस उत्तर प्रदेश में हुआ और लगभग 30 करोड प्रत्येक माह नुकसान हुआ।

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि इस पूरी

परियोजना को तैयार करने में 70 प्रतिसत रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन

कॉरपोरेशन (आर0ई0सी) से लोन लिया गया

था और 30 प्रतिसत उत्तर प्रदेश सरकार की अंश पूंजी थी। इसलिए ऐसा प्रस्ताव पास होना चाहिए कि केंद्र सरकार के अधीन

बी0एच0ई0एल

है। ऐसे में जो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को नुकसान

झेलना पडा उसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय

कुमार सिंह ने अंतत एक बार फिर पावर कॉरपोरेशन व उत्पादन निगम को अपनी एक जॉइंट

रिपोर्ट विद्युत नियामक आयोग के सामने दाखिल करने का निर्देश जारी करते हुए कहा तीन

अक्टूबर को इस मामले पर पुन सुनवाई की जाएगी।

(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय

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