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हादसे के बाद जागा निगम, जर्जर 100 से ज्यादा मकानों को करेगा ध्वस्त

निगम

जयपुर, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । जवाहर नगर शॉपिंग सेंटर में गुरुवार शाम दो मंजिला इमारत गिरने के बाद अब नगर निगम प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है। नगर निगम शहर में चिन्हित जर्जर 100 से ज्यादा मकानों को खाली करवा कर उन्हें ध्वस्त करने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए निगम अगले सात दिन तक एक अभियान चलाने की तैयारी में है।

इसके साथ ही हेरिटेज निगम क्षेत्र में जोन स्तर पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी जोन उपायुक्त सर्वे कर अवैध निर्माणों को सीज करेंगे।

नगर निगम कमिश्नर अभिषेक सुराणा ने कहा कि जवाहर नगर में हुए हादसे की जांच की जा रही है। इस हादसे में जो भी लोग दोषी होंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कुछ लोगों से इस तरह की शिकायत भी मिली थी कि यहां नियमों के विपरीत निर्माण किया जा रहा था। ऐसे में अगर नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही इसमें सामने आएगी। उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र में जितनी भी जर्जर इमारतें हैं। इनमें फिलहाल कोई नहीं रहता है। उन सभी को ढहाने (तोड़ने) के लिए जोन स्तर पर उपायुक्त को निर्देश दिए हैं। ताकि भविष्य में इस तरह का कोई भी हादसा ना हो सके।

सुराणा ने कहा कि इसके साथ ही निगम क्षेत्र में जितने भी अवैध निर्माण है। उनके खिलाफ सीज की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जिन अवैध निर्माणों को नोटिस दिए जा चुके हैं। लेकिन उन्होंने अब तक अवैध निर्माण नहीं हटाया है। उनके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि गुरुवार रात साढ़े आठ बजे जयपुर के जवाहर नगर शॉपिंग सेंटर में अचानक निर्माणाधीन इमारत गिर गई थी। हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। लेकिन धराशाही इमारत के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल फैल गया था। इसके बाद शुक्रवार को स्थानीय दुकानदारों ने निगम प्रशासन के खिलाफ ने प्रतिष्ठान बंद कर विरोध प्रदर्शन कर नियमों के विपरित किए जा रहे निर्माण कार्य हटाने की मांग रखी। निगम प्रशासन के आश्वासन के बाद लोगों ने धरना और प्रदर्शन समाप्त कर दिया। नगर निगम ने शुक्रवार को भवन के मलबे को हटाकर जगह को साफ करवा दिया है।

बारिश के दौरान हर साल नोटिस जारी करता है निगम, लेकिन कार्रवाई नहीं करता

खास बात यह है कि हेरिटेज निगम के चारदीवार क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुरानी हवेलियां और जर्जर मकान बने हुए है। इनमें कई परिवार रह रहे तो कुछ खाली पड़े है। पिछले दिनों बारिश के दौरान भी चारदीवारी में एक मकान गिर गया था। हर साल निगम प्रशासन इन जर्जर पड़े मकान मालिकों को नोटिस जारी करता है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं करता है। ऐसे में खस्ताहाल मकान और हवेलियां कभी बड़े हादसे को जन्म देकर जानलेवा साबित हो सकती है। हर साल नोटिस देकर ही खाना पूर्ति करने वाले अधिकारियों की पहचान कर निगम या सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा चारदीवार के हेरिटेज लुक को खराब करने वाले लोगों पर भी निगम को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जो कि पिछले कई सालों में नहीं देखने को मिल रही है। इससे जयपुर शहर की हैरिटेज छवि धूमिल होती जा रही है।

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(Udaipur Kiran) / राजेश

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