शिमला, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को ड्रोन से कथित निगरानी का उछला और इस पर सदन में खूब हंगामा हुआ। इसी मसले पर नेता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच भी तीखी नोक-झोंक भी हुई।
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा में प्वाइंट ऑफ आर्डर के माध्यम से मामला उठाते हुए कहा कि उनके आवास की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह चार बार उनके घर पर ड्रोन घूमता रहा और दरवाजे तथा खिड़कियों तक पहुंच गया।
ठाकुर ने कहा कि जब मालूम किया तो पता चला कि यह एसपी के आवास से संचालित हो रहा था। उन्होंने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और इसे गंभीर मामला बताया। उन्होंने जानना चाहा कि यह कौन सा तरीका है कि किसी के घर की खिड़की तक निगरानी की जा रही। वहां कौन जा रहे हैं और किसकी कार खड़ी है, यह भी पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी उनके घर के पास सादी वर्दी में लोग खड़े कर निगरानी रखी जा रही थी। उन्होंने कहा कि फोन भी टैप हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं और यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति के परिवार की निजता का हनन है और इसे सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी सीमाओं में रहकर काम करें।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे। पठानिया ने कहा कि उन्होंने इस मामले का संज्ञान ले लिया है। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत इसका जवाब दिया और कहा कि नेता प्रतिपक्ष को सनसनी फैलाने की आदत है। उन्होंने तंज कसा कि कहीं ईडी और सीबीआई तो यह काम नहीं करवा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह केंद्रीय एजेंसियों से पत्र लिखकर पूछेंगे और जानकारी लेंगे और इसकी भी जांच करवाएंगे।
इस दौरान विपक्षी सदस्य शोरगुल करने लगे और अपनी सीट पर खड़े हो गए। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सदन के नेता हैं और सदन में जब वह अपनी बात रख रहे हैं तो सभी को इसे सुनना चाहिए और यदि इसमें कुछ गलत लगे तो सदस्य अपनी आपत्ति जता सकते हैं।
इसके बाद, मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार जासूसी पर विश्वास नहीं रखती। सरकार नेता प्रतिपक्ष की सुरक्षा के प्रति चिंतित है, आपको सुरक्षा देनी होगी तो पुलिस की देंगे, ड्रोन से नहीं। उन्होंने कहा कि ड्रोन से कोई जासूसी नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि न ही कोई अधिकारी फोन टैप कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई अधिकारी इसमें संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कहा कि ड्रोन से निगरानी का मामला अध्यक्ष की अनुमति से सदन में रखा है तो इसमें गुनाह क्या कर दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल पुलिस यह सब काम कर रही है। उन्होंने पुलिस पर भाजपा विधायकों को घण्टों थाने में बैठाने का आरोप लगाया और कहा कि वापस जाने पर आधे रास्ते से दोबारा बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकारी को इस हद तक जाने की इजाजत न दे। उन्होंने दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा