टीकमगढ़, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । दो मुस्लिम युवकों द्वारा किए गए दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में खरगापुर पुलिस की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। घटना के पांच दिन बाद प्रभारी मंत्री के हस्तक्षेप से पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। दुष्कर्म के आरोपित युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
खरगापुर थाने के पचेर में 13 वर्षीय नाबालिग आदिवासी बच्ची के साथ दो विशेष समुदाय के युवकों द्वारा दुष्कर्म किया गया। दुष्कर्म की इस घटना के बारे में प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर के टीकमगढ़ प्रवास पर स्थानीय नागरिकों ने उनको इस मामले से अवगत कराया गया। इस मामले में थाने द्वारा रिपोर्ट नही लेना और उल्टे फरियादी को ही परेशान करना यह टीकमगढ़ की लचर कानून व्यवस्था को दर्शाता है।
प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर का काफिला जब पहली बार शहर में पहुंचा तो एक जागरूक युवक चंदन राज ने इस मामले पर प्रभारी मंत्री को गाड़ी रोक कर जानकारी दी गई। प्रभारी मंत्री ने चंदन को भरोसा दिया कि दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नही जाएगा सख्त से सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है। इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में कार्यवाही की गई, जब पीडिता के माता पिता अपनी बेटी के साथ थाने पहुंचे तो कार्यवाही तो दूर की बात है इस मामले में थाने द्वारा रिपोर्ट न लेते हुए उल्टे फरियादी को ही डांट फटकार लगाकरर भगा दिया गया।
पीडिता ने बताया कि उसके पिता मजदूरी करने दिल्ली गए थे। वह मां के साथ गांव में रहती है, खेत में जब वह निदाई कर रही थी तभी आरोपित सलीम खान और लालू खान आए व मुझे मेड पर खडे होकर बुलाया जैसे ही मैं पहुंची तो दोनों ने मेरे साथ जबरन गलत काम किया। सलीम खान ने किसी को न बताने जान से मार देने की धमकी देकर मौके से भाग गया। पीडिता के मुताबिक वह भय और डर के कारण चुप रही, कुछ दिनों बाद जब तकलीफ हुई तो मां को बताया, मां ने फोन कर पिता को बुलाया, जब पिता बाहर से आए तो हम रिपोर्ट करने थाने आए, पीडिता की रिपोर्ट प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर के दखल के बाद लिखी गई है।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस) 2023 70 (2), लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम 2012 5,लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम 2012 6, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 3(2)(भी), अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 (संशोधन 2015) 3(1) (डब्लू)(आई) , भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस) 2023 351(3) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पीडित आदिवासी नाबलिग बालिका के साथ दुष्कर्म की बारदात के बाद समाज आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने एक बार फिर दोषियों के खिलाफ बुल्डोजर की कार्यवाही करने की मांग मोहन सरकार से की है।
(Udaipur Kiran) / सौरव भटनागर