श्रीनगर, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । लोकतंत्र को विचारों की लड़ाई बताते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को सरकार से जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया ताकि वह चुनाव लड़ सके।
उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के इस दावे को भी अफसोसजनक बताया कि जमात-ए-इस्लामी कभी चुनावों को हराम (निषिद्ध) मानती थी, लेकिन अब हलाल (अनुमेय) मानती है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा कि अगर जमात-ए-इस्लामी चुनाव लड़ना चाहती है तो यह अच्छी बात है। लोकतंत्र विचारों की लड़ाई है। सरकार को इस पर प्रतिबंध हटाना चाहिए। सरकार ने जिन संस्थाओं और संपत्तियों को फ्रीज और जब्त किया है, उन्हें वापस किया जाना चाहिए। जमात-ए-इस्लामी के बारे में अब्दुल्ला की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक खेदजनक बयान है। नेशनल कॉन्फ्रेंस का कहना है कि सत्ता मिलने पर चुनाव हलाल हो जाते हैं और सत्ता खोने पर हराम। अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के लिए विधानसभा चुनावों में भाग लेना देर आए दुरुस्त आए है।
उन्होंने कहा कि 35 साल तक जमात-ए-इस्लामी ने एक खास राजनीतिक विचारधारा का पालन किया, जो अब बदल गई है यह अच्छा है। अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर को अपनी जागीर समझती है और उन्होंने पार्टी पर हराम-हलाल बहस शुरू करने का आरोप लगाया।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह