Uttrakhand

ग्राम प्रधान ने शिक्षकों की तैनाती की मांग, 15 दिन में समाधान न हुआ तो होगा आंदोलन

रौता उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षके भरोसे शिक्षा ग्रहण करते हुए छात्र।

गोपेश्वर, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । चमोली जिले के पोखरी विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय रौता में शिक्षा विभाग द्वारा सात में से छह शिक्षकों का बिना किसी प्रतिस्थानीय व्यवस्था के स्थानांतरण कर दिया गया है, जिससे विद्यालय अब एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है। इस स्थिति ने विद्यालय के 40 छात्रों के भविष्य काे असुरक्षित कर दिया है।

गांव के प्रधान ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर विद्यालय में स्थानांतरण किये गये शिक्षकों के स्थान पर शिक्षक भेजने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही शिक्षकों की तैनाती नहीं की जाती है तो ग्रामीणों को आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा।

ग्राम प्रधान रौता, बीरेंद्र सिंह राणा ने इस मामले काे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियाें काे ज्ञापन भेजा है। उन्हाेंने विद्यालय में स्थानांतरित शिक्षकाें के स्थान पर नए शिक्षकाें की तैनाती की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है, तो गांववासियाें काे मजबूरन आन्दोलन करना पड़ेगा। उन्हाेंने कहा कि सरकार बेटी पढ़ाओ का नारा देकर समाज को जागरूक कर रही है, लेकिन राैता का उच्च माध्यमिक विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है, जाे छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

ग्राम प्रधान ने बताया कि रौता गांव की जनसंख्या अधिक है और अधिकांश लाेग दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं, जिनके बच्चे इसी विद्यालय में पढ़ते हैं। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी काे ज्ञापन देकर बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अतिशीघ्र शिक्षकों की तैनाती की मांग की है। प्रधान ने स्पष्ट किया कि यदि 15 दिनों के भीतर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हाेती, ताे गांववासी आंदाेलन करने के लिए बाध्य हाेंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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