Haryana

हरियाणा सरकार पर संवैधानिक संकट

प्रदेश सरकार ने चुनाव आयाेग से 31 अगस्त काे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने की मांगी अनुमति

चंडीगढ़, 29 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार पर संवैधानिक संकट आ गया है। राज्य में 12 सितंबर से पहले विधानसभा का सत्र बुलाना संवैधानिक जरूरी है।

ऐसे में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रदेश सरकार ने चुनाव आयोग से 31 अगस्त को कैबिनेट बैठक बुलाने की अनुमति मांगी है। इस बैठक में एक दिन के लिए विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने या फिर विधानसभा भंग करने का निर्णय लिया जा सकता है।

दरअसल, हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। संवैधानिक रूप से छह महीने के अंतराल में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है, इसलिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक जरूरी है। अगर सरकार मानसून सत्र नहीं बुलाती तो फिर संवैधानिक संकट टालने के लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी होगी।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने भी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए। आज तक कभी ऐसी स्थिति नहीं आई है कि छह महीने में कोई सत्र न बुलाया गया हो। इस वक्त राज्य में 14वीं विधानसभा चल रही है, जिसका कार्यकाल 3 नवंबर तक है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए 1 अक्टूबर को मतदान होना है। ऐसे में सरकार सिर्फ किसी भी दिन सिर्फ एक घंटे के लिए सदन की बैठक बुलाकर औपचारिकताएं पूरी कर सकती है। इसके अलावा राज्य सरकार के पास विधानसभा भंग करने का विकल्प भी रहेगा।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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