Uttar Pradesh

खेल में भी मनोवैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका

फोटो प्रतीक

—सही आँकलन कर खिलाड़ी को तैयारी के लिए प्रेरित करते हैं

वाराणसी,29 अगस्त (Udaipur Kiran) । खेल उच्च मानसिक दबाव वाले माहौल में खेले जाते हैं, यह दबाव खिलाड़ियों के आंतरिक स्थिति व सफलता के लिए बाहरी दबाव भी हो सकता है। ऐसे में वहीं खिलाड़ी सफल होते हैं जो मानसिक स्तर से दबाव को झेलने में सक्षम हो। इस कार्य में मनोवैज्ञानिकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। गुरूवार को यह जानकारी एआरटी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल आईएमएस, बीएचयू के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ मनोज कुमार तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि आत्मविश्वास, प्रतिबद्धता, अभिप्रेरणा, स्वयं पर नियंत्रण, विचारों में लचीलापन, धनात्मक सोच, आत्मसम्मान व ध्यान जैसी मानसिक शक्तियों को खिलाड़ियों को सीखना व उसे विकसित करना आवश्यक होता है। इन मानसिक शक्तियों के विकास एवं अभ्यास में मनोवैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परिस्थितियों का अवलोकन करके उन्हें समझने की क्षमता, आत्म विमर्श, लक्ष्य निर्धारण, ध्यान नियंत्रण व केन्द्रण, माइंडफुलनेस, बायोफीडबैक, उत्प्रेरक प्रशिक्षण, आत्म-नियमन का उपयोग मनोवैज्ञानिक खिलाड़ियों को तत्पर अवस्था में लाने और उनकी क्षमता के अनुसार उन्हें खेलों में उच्च प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने के लिए करते हैं।

डॉ. तिवारी ने पेरिस ओलंपिक का उल्लेख कर कहा कि पूरी दुनिया की निगाहें खिलाड़ियों के प्रदर्शन के साथ-साथ उनके जीते जाने वाले मेडल पर थी। ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ी दुनिया के सबसे मजबूत, तेज व कुशल होते हैं। ये खेल सिर्फ खिलाड़ियों के शारीरिक परीक्षा ही नहीं लेते, बल्कि खिलाड़ियों की मानसिक तत्परता व त्वरित निर्णय लेने की क्षमता की भी परख करते हैं। जो खिलाड़ी अपने खेल में न केवल पारंगत व मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, वही मेडल जीतते हैं।

उन्होंने कहा कि एक मनोवैज्ञानिक खिलाड़ियों को उनके सभी मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर सहयोग प्रदान करने के साथ-साथ उसमें परिस्थितियों को सकारात्मक दृष्टि से अवलोकन करने की क्षमता का विकास करता है। तथा अपनी क्षमताओं का सही आंकलन करके तैयारी करने के लिए भी प्रेरित करता है । खिलाड़ियों में सामान्य स्तर का तनाव एवं चिंता उनके सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए आवश्यक होता है । किंतु जब तनाव एवं चिंता का स्तर ऊंचा हो जाए व सतत् रूप से बना रहे तो खिलाड़ी अपने कौशलों का प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं होते हैं। मनोवैज्ञानिक खिलाड़ियों को अपने तनाव को नियंत्रित कर सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए तैयार करते हैं। खिलाड़ियों का प्रदर्शन कई कारकों जैसे- व्यक्तित्व, बुद्धि, भावनात्मक स्थिरता, अवलोकन व आंकलन की क्षमता, तनाव, चिंता, आदि से प्रभावित होता है। मनोवैज्ञानिक इन सभी कारकों को संतुलित रखने में खिलाड़ियों का विभिन्न मनोवैज्ञानिक तकनीक द्वारा सहायता प्रदान करता है।

उन्होंने बताया कि मानसिक प्रशिक्षण एक सतत् व क्रमिक प्रक्रिया है जिसमें मनोवैज्ञानिक खिलाड़ियों के दिमाग को दबाव व तनाव को नियंत्रण में रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार करता है । मनोवैज्ञानिक न केवल खिलाड़ी बल्कि टीम के साथ मिलकर काम करता हैं। मनोवैज्ञानिक टीम के सभी खिलाड़ियों में टीम भावना, एक-दूसरे के लिए सम्मान, खिलाड़ियों के बीच मजबूत संप्रेषण व सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनता है जिससे पूरी टीम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम हो सके।

अभिभावक को परामर्श देना

मनोवैज्ञानिक खिलाड़ियों के माता-पिता एवं परिवार के अन्य सदस्यों को परामर्श देकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन तथा अभिप्रेरणा प्रदान कर उन्हें सक्षम बनाते हैं। मनोवैज्ञानिक परामर्श से खिलाड़ियों के माता-पिता को खेल से जुड़े दबावों, खिलाड़ियों की चिंताओं को समझने तथा उन्हें दूर करने में मदद करता है। मनोवैज्ञानिक उन्हें चुनौतीपूर्ण समय में खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक समर्थन व सहयोग प्रदान करने के प्रभावशाली तौर तरीकों से अवगत कराता है।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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