नई दिल्ली, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार हफ्ते का समय दे दिया है। जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान जब केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्रालय की ओर से जवाब देने के लिए समय देने की मांग की गई तो इसका याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने विरोध किया और कहा कि केंद्र सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है। ये मामला सबसे पहले अप्रैल में कोर्ट में आया था। उसके बाद से काफी समय बीत गया लेकिन मंत्रालय ने जवाब तैयार नहीं किया है। इस तरह भारतीय कुश्ती संघ को लगातार निलंबित स्थिति में नहीं रखा जा सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने इस मामले में आदेश पारित करने का आदेश दिया। तब कोर्ट ने कहा कि बिना खेल मंत्रालय का पक्ष जाने कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने 9 अप्रैल को केंद्रीय युवा और खेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया था। यह याचिका भारतीय कुश्ती संघ ने दायर की है। याचिका में 24 दिसंबर, 2023 को भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित करने के आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज को देखने के लिए तदर्थ कमेटी का गठन किया था। तदर्थ कमेटी को भी इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने भंग कर दिया था। भारतीय कुश्ती संघ की ओर से वकील हेमंत फालफर ने कहा कि ये निलंबन नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है।
भारतीय कुश्ती संघ ने याचिका में कहा है कि भारतीय कुश्ती संघ को भंग करने का खेल मंत्रालय का आदेश 2011 के नेशनल स्पोर्ट्स कोड का भी उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि भारतीय कुश्ती संघ को भंग करने के पहले केंद्र सरकार ने न तो कोई नोटिस जारी किया और न ही कोई चेतावनी जारी किया। नेशनल स्पोर्ट्स कोड के मुताबिक इसे भंग करने के पहले नोटिस देना अनिवार्य है। भारतीय कुश्ती संघ को भंग करना इंडियन हॉकी फेडरेशन बनाम केंद्र सरकार के हाई कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। भारतीय कुश्ती संघ के एक्जीक्यूटिव काउंसिल का चुनाव जनवरी 2023 से लंबित है।
पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। महिला पहलवानों ने बृजभूषण और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए केस भी दर्ज कराया है जो राऊज एवेन्यू कोर्ट में लंबित है। दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 16 अगस्त को भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज की देखरेख के लिए तदर्थ समिति के गठन पर मुहर लगाते हुए कहा था कि भारतीय ओलंपिक संघ चाहे तो तदर्थ समिति का पुनर्गठन कर सकती है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम