हरिद्वार, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत एक गाेष्ठी का आयाेजन किया गया। यह गाेष्ठी प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सभागार में आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तम्बाकू सेवन से होने वाले हानिकारक प्रभाव और स्वस्थ जीवन शैली पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाई।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक और मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष, प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि नशे की काेई भी लत व्यक्ति के जीवन काे बर्बाद कर देती है और इसका दुष्प्रभाव उसके परिवार पर भी पड़ता है। उन्हाेंने उपस्थित लाेगाें से अपील की कि वे किसी प्रकार के नशे से दूर रहें और अपने आसपास के लोगों को भी इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें।
प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि किसी सामुदायिक बुराई को दूर करने में रोकथाम ही सबसे बेहतर उपाय है। उन्हाेंने बताया कि छात्र अक्सर अपने मित्राें के बीच प्रभावशाली दिखने के लिए व्यसनों में अक्सर लिप्त हो जाते हैं, जो उनके स्वास्थ्य और भविष्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. प्रभात कुमार ने छात्रों से तम्बाकू के दुष्प्रभावाें काे समाज से साझा करने की अपील की।
मुख्य वक्ता, जिला कंसलटेंट डाॅ. सुनील राणा ने तम्बाकू के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विभिन्न दुष्प्रभावों के बारे में पीपीटी के माध्यम से जागरूकता फैलाई। उन्हाेंने कैंसर, हाइपरटेंसन, कार्डियोवेस्कुलर रोग, फेफड़ों, यकृत, पेट, मुंह आदि के साथ-साथ नपुंसकता जैसी समस्याओं में तम्बाकू के योगदान के बारे में बताया।
कार्यक्रम के अंत में डाॅ. राणा ने छात्रों के लिए एक क्विज आयोजन किया और विजयी प्रतिभागियाें को पुरस्कार देकर जागरूकता अभियान को सफल बनाया।
इस कार्यक्रम में प्रो. कर्मजीत भाटिया, प्रो. देवेन्द्र गुप्ता, डाॅ. बबलू, डाॅ. मनोज कुमार चौहान, डाॅ. दीपक सिंह, डाॅ. नवीन पंत, डॉ. विक्रम, डाॅ. अनुज, डाॅ. दिलीप कुशवाहा, डाॅ. विपुल भट्ट, डाॅ. विपिन बालियान, डॉ. हिमांशु पंडित, डॉ. राजुल भारद्वाज एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला