Assam

ओबीसी का फर्जी सर्टिफिकेट लेने पर यूएसटीएम मालिक के खिलाफ दर्ज होगा केस

असमः मुख्यमंत्री, यूएसटीएम के मालिक महबुबुल हक का फाइल फोटो

गुवाहाटी, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (यूएसटीएम) पर बात की है। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने आरोप लगाया है कि यूएसटीएम के मालिक महबुबुल हक ने करीमगंज से ओबीसी के फर्जी प्रमाण पत्र लिया है। इसके लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

मुख्यमंत्री मंगलवार काे सचिवालय स्थित लोक सेवा भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र लेने के बाद स्वाभाविक रूप से मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इस संबंध में जिला आयुक्त को बताया गया है। ओबीसी का फर्जी सर्टिफिकेट लेने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यूएसटीएम के मालिक की टिप्पणी के संदर्भ में पहाड़ी जमीन की खुदाई पर भी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन हमेशा बुरा होता है, यह अच्छा नहीं हो सकता। गुवाहाटी का आमसांग और सोनापुर में खनन से कोई लेना-देना नहीं है। सोनापुर से पानी गुवाहाटी आना है तो पहले पहाड़ी पर चढ़ना होगा। उसके बाद पानी नीचे आ सकता है। उन्होंने इंगित करते हुए कहा कि यूएसटीएम के मालिक ने यदि इसे पानी के संदर्भ में नहीं कहा है, सामान्य संदर्भ में कहा है, तो मैं कार्रवाई के लिए कहूंगा। पहाड़ी खनन हमेशा खराब होता है। मैं पुलिस और वन विभाग को बताऊंगा, यह आमसांग में भी नहीं हो सकता।

जनसांख्यिकी पर भी बड़ी टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री डाॅ सरमा ने पत्रकाराें से कहा कि 28 हजार मतदान केंद्रों में से 19 हजार बूथों की जनसांख्यिकी बदल गई है। मैं कांग्रेस पार्टी से अपील करूंगा कि यह कोई राजनीतिक खेल नहीं है। हम सभी को मिलकर लड़ना होगा, लेकिन आप जहां हैं, वहां शांति से रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कल भी तीन बांग्लादेशियों को वापस भेज दिया था। वे बांग्लादेश में भोजन नहीं मिलने के चलते अवैध रूप से असम में घुस गए थे। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। यह एक चुनौती भी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति को देख लोग यह मान रहे थे कि वहां से हिंदू शरणार्थी असम में आएंगे, लेकिन यह उल्टा हो रहा है, हिंदू नहीं आ रहे बल्कि मुस्लिम बांग्लादेश के नागरिक यहां काम की तलाश में आ रहे हैं। यह सिर्फ असम में ही नहीं बल्कि त्रिपुरा पुलिस और बीएसएफ ने भी कई लोगों को पकड़कर उन्हें वापस भेज दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से अवैध रूप से मुस्लिम भारत में घुसने के बाद सीधे दक्षिण भारत के तामिलनाडु जाने का इरादा रखते हैं। वहां पर वे कपड़े की मिल में काम करने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं तामिलनाडु के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी गहनता से जांच करने का आह्वान करुंगा। अवैध रूप से घुसने वालाें की संख्या कुल का महज 10 प्रतिशत है।

उल्लेखानीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कहा था कि यूएसटीएम ने पहाड़ी मिट्टी को काटा है, जिसके चलते मेघालय का पानी गुवाहाटी की ओर मुड़ गया है। इससे गुवाहाटी में हल्की सी बरसात के बाद भारी जलजमाव की स्थिति बन जाती है। इस पर यूएसटीएम के मालिक ने अपने बचाव में कहा था कि सोनापुर और आमसांग में पहाड़ी मिट्टी की खुदाई हो रही है। इसको लेकर ही मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय सक्सेना

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