जयपुर, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजधानी जयपुर में जन्माष्टमी पर्व मनाने के बाद मंगलवार शाम साढ़े चार बजे ठाकुर जी नगर भ्रमण पर निकले। उनके स्वागत और दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं ने पलक पांवड़े बिछाए। ठाकुर श्रीजी की शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से जयकारों के साथ रवाना हुई। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामीजी ठाकुरजी की आरती कर शोभायात्रा को रवाना किया। प्रथम पूज्य गणपति सहित चारदीवारी के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के विग्रहों की स्वरूप झांकियों के साथ निकली शोभायात्रा के दर्शन के लिए जयपुरवासी उमड़ पड़े। इस दौरान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी,जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा, हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने शोभायात्रा में ठाकुर जी की आरती उतारी।
सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंगलवार शाम साढे चार बजे गाजेबाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा जलेबी चौक, हवामहल बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, चांदपोल बाजार, बगरू वालों का रास्ता होती हुई मंदिर श्री गोपीनाथ जी पहुंची। शोभायात्रा मार्ग में अनेक विशिष्टजन मुख्य रथ में विराजित ठाकुरजी की आरती उतारी। व्यापार मंडलों और कई संस्थाओं की ओर से स्वागत द्वार बनाए गए।
शोभायात्रा में आगे सजेधजे हाथी पर पंचरंगा निशान लिए सेवक चले
शोभायात्रा में बाईस झांकियां, हाथी, ऊंट, घोड़े, बैल का लवाजामा, कीर्तन मंडल और बैंड शामिल रहे। सबसे आगे प्रथम पूज्य गणपति के प्रतीक के रूप में सजेधजे हाथी पर पंचरंगा निशान लिए सेवक हैं। बैलगाड़ी पर शहनाई वादन किया। ऊंट और शक्ति के प्रतीक घोड़े के काफिले के बाद बैंडवादक भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते चले। इसके बाद देवी-देवताओं की सुंदर झांकियां रही। इसके अलावा गणेश जी झांकी, तिरुपति बालाजी मंदिर झांकी, सिंधी पंचायत कीर्तन मंडल, श्री अक्रूर जी की झांकी, भगवान श्री राधा कृष्ण के स्वरूप की झांकी के बाद गोविन्द की गैय्या कीर्तन मंडल और गौर गोविंद महिला मंडल, गोविन्द परिकर कीर्तन मंडल के लोग हरिनाम संकीर्तन करते रहे।
गौ सेवा की झांकी भी शोभायात्रा में शामिल
गायों की सेवा प्रेरणा देने के लिए पिंजरापोल गौशाला की ओर से गौ सेवा की झांकी भी शोभायात्रा शामिल हुई। जयपुर बंगाली मंडल के कलाकार अपनी खास शैली में हरिनाम कीर्तन करते चले। ठाकुर श्री गोपीनाथ जी, ठाकुर श्री श्याम सुंदर जी, ठाकुर श्री राधा दामोदर जी, ठाकुर श्री विनोदी लालजी, ठाकुर श्री राधारमण जी, ठाकुर श्री मदन मोहन जी झांकी मानो संदेश दि कि भगवान एक ही है। बस नाम ही अलग-अलग है। प्रेमावतार षट्भुज महाप्रभु जी, स्व. गोस्वामी जी प्रद्युम्न कुमार देव गोस्वामी, ठाकुर श्रीजी प्राकट्य कर्ता रूप गोस्वामी की झांकी भक्तों की महिमा का बखान करती रही।
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(Udaipur Kiran)