नैनीताल, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने नैनीताल में विभिन्न स्टोन क्रेशरों का अवैध खनन एवं भंडारण पर लगाये गए करीब 50 करोड़ से अधिक जुर्माने को माफ कर देने के मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उत्तराखंड सरकार के खनन विभाग के सचिव को 3 सितंबर को जांच रिपोर्ट के साथ पेश होने को कहा है।
दरअसल, नैनीताल के पूर्व जिलाधिकारी ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्टोन क्रेशरों पर अवैध खनन एवं भंडारण काे लेकर लगाये गए करीब 50 करोड़ से अधिक जुर्माना माफ कर दिया था। इस निर्णय को हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। मामले के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता चोरलगिया नैनीताल निवासी भुवन पोखरिया ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि वर्ष 2016 -17 में नैनीताल के तत्कालीन जिलाधिकारी की ओर से कई स्टोन क्रेशरों का अवैध खनन व भंडारण का जुर्माना करीब 50 करोड़ से अधिक रुपया माफ कर दिया। जिलाधिकारी ने उन्ही स्टोन क्रेशरों का जुर्माना माफ किया, जिन पर जुर्माना करोड़ों में था और जिनका जुर्माना कम था, उनका माफ नही किया गया। जब इसकी शिकायत मुख्य सचिव, सचिव खनन से की गई तो उस पर कोई कार्रवाई नही हुई और कहा कि यह जिलाधिकारी का विशेषाधिकार है।
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(Udaipur Kiran) / लता सक्सेना