RAJASTHAN

450 बसों के थमे चक्के, 25 हजार यात्री प्रभावित, दिखा निजी बस ऑपरेटर की हड़ताल का असर

चितौड़गढ़ जिले में निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल से पन्नधाय बस स्टैंड पर खड़ी बसें।

चित्तौड़गढ़, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले में मंगलवार को की गई निजी बस ऑपरेटर की हड़ताल का खासा असर देखने को मिला है। एक तरफ जहां यात्रियों को गंतव्य पर जाने के लिए बसों का इंतजार करना पड़ा तो सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। जिन मार्गों पर रोडवेज या ऑटो नहीं चलते हैं उन मार्गों पर तो निजी बस बंद होने से लोगों को यात्रा ही निरस्त करनी पड़ी है। जिले के विभिन्न मार्गों पर करीब 450 बस संचालित होती है तथा करीब 25 हजार यात्री इस हड़ताल से प्रभावित हुवे हैं।

जानकारी में सामने आया कि बस ऑपरेटर्स राजस्थान की 24 सूत्रीय मांग पत्र पर प्रदेश सरकार कोई उचित निर्णय नहीं ले पाई। इससे पूर्व एसोसिएशन ने 19 अगस्त रक्षाबंधन के दिन प्रदेश की समस्त निजी बस बंद रख कर अपना विरोध प्रकट करना था, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वार्ता कर इसके लिए मुख्यमंत्री राजस्थान से बात कर एसोसिएशन की मांग पत्र पर विचार करने के लिए 2 से 3 दिन का समय मांगा था। यह समयावधि गुजरने के बाद अब तक सरकार ने कोई निर्णय किया। इसी क्रम में मंगलवार को बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के आव्हान पर चित्तौडग़ढ़ प्राइवेट बस एसोसिएशन ने ज़िले की समस्त निजी बसें बंद रख कर हड़ताल की। चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर पन्नाधाय निजी बस स्टैंड है, जहां पर बसों का जमावड़ा देखने को मिला। चित्तौड़गढ़ से उदयपुर, भीलवाड़ा, कोटा, निंबाहेड़ा, राशमी, कपासन, मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर सहित अन्य मार्गों पर जाने के लिए यात्री प्रतीक्षा करते देखे गए हैं। वहीं सबसे बड़ी समस्या चित्तौड़गढ़ जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी में देखने को मिली है। इन दिनों यहां जन्माष्टमी का मेला लग रहा है और हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ आए हुए हैं। निजी बसों के बंद होने से श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य पर जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा है। निजी बस ऑपरेटर संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि स्पेशल बुकिंग पर जाने के लिए अलग से परमिट जारी करवाना होता है। निजी बस ऑपरेटर ने स्पेशल बुकिंग के लिए परमिट जारी नहीं करवाएं, जिससे भी सरकार को करीब 2 लाख के राजस्व का नुकसान हुआ है। डेली रूटीन की बसों के परमिट की जो राशि है वह हर माह एक साथ जमा हो जाती है। इधर, निजी बस बंद होने का असर रोडवेज पर दिखाई दिया। रोडवेज की बसों में यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक थी और काफी परेशानी का सामना करते हुए यात्रियों को सफर करना पड़ा है। इधर, निजी बस ऑपरेटर ने जिला कलक्टर कार्यालय पहुंच कर अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है। इस दौरान चित्तौड़गढ़ प्राइवेट बस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश डूंगरवाल, शंभूलाल वैष्णव, सचिव इरशाद मोहम्मद आदि मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / अखिल / संदीप

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