RAJASTHAN

मठ में उत्तराधिकार को लेकर संतों में विवाद

जूना अखाड़े के संतों ने सीएम को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी।

बाड़मेर, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । बालोतरा के समदड़ी स्थित खरंटिया मठ में मठाधीश की गद्दी को लेकर विवाद पैदा हो गया है। एक पक्ष ने पुलिस से अपने मठाधीश को सुरक्षा देने की मांग की है। वहीं दूसरे पक्ष का दावा है कि शिष्य ही गुरु की गद्दी संभालता है, इसलिए वहीं मठाधीश है। उत्तराधिकार को लेकर चल रही खींचतान सीएम, प्रभारी मंत्री और जिला प्रशासन तक पहुंच गई है।

पीर किशन भारती के देव लोक गमन के बाद यहां निरंजन भारती को मठाधीश बनाया गया था। लेकिन इसके कुछ दिन बाद कुछ लोगों ने बुद्ध भारती को मठाधीश घोषित कर दिया। पंचदशनाम जूना अखाड़ा के संतों और क्षेत्र के लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस विवाद में दखल देकर अनधिकृत रूप से बैठे मठाधीश को हटाया जाए। साथ ही मठाधीश निरंजन भारती को सुरक्षा प्रदान की जाए। स्थानीय लोगों और सांधु-संतों का दावा है कि खरंटिया मठ के पीर किशन भारती ने जीवनकाल में उनके शिष्य निरंजन भारती को उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। उनके देवलोक गमन होने के बाद जूना अखाड़ा के महंत संतों ने 9 मई 2024 को निरंजन भारती को मठ का मठाधीश बनाया था। लोगों का कहना है कि संत समाज में परंपरा के अनुसार उत्तराधिकारी घोषित किया जाता है। जिसे सभी लोग स्वीकार करते है। ऐसे में उत्तराधिकारी को लेकर विवाद नहीं होना चाहिए।

पंचनाम जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव, प्रयागराज कुंभ मेला के प्रभारी मोहन भारती के नेतृत्व में प्रबुद्ध जनों ने जिला प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत, जिला कलेक्टर और सीएम को चिट्‌ठी मिलकर चिट्ठी दे चुके है। वहीं उत्तराधिकारी महंत निरंजन भारती की ओर से ज्ञापन भी दिया गया है। जिसमें बताया कि मठ खरंटिया देवस्थान विभाग में रजिस्टर्ड ट्रस्ट है। निरंजन भारती इसके सोल ट्रस्टी है। दिवंगत पूर्व महंत किशन भारती ने 9 मई 2024 को निरंजन भारती को मठ का उत्तराधिकारी घोषित कर वसीयतनामा लिखवाया था।

चिट्ठी और ज्ञापन में बताया कि संतों की मौजूदगी में उत्तराधिकारी ने दिवंगत महंत को समाधि दी। इस दौरान 16 अगस्त को कुछ लोग वाहनों में सवार होकर खरंटिया मठ पहुंचे। मठ में जबरदस्ती अवैध कब्जा करने को लेकर अनधिकृत प्रवेश किया। मना करने पर मठ में खड़े लोगों को धमकाया। जबकि सोल ट्रस्टी की बगैर अनुमति के मठ कोई अनधिकृत प्रवेश नहीं कर सकता है। ना ही वहां ठहराव कर सकता है। मठ में अवैध कब्जा जमाने के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें, वहीं उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवाएं।

दशनाम जूना अखाड़ा के मोहन भारती का कहना है कि ब्रह्मलीन किशन भारती जी थे। उन्होंने पूरे अखाड़े के साधु संतों और ग्रामीणों को बुलाकर एक सम्मेलन जूना अखाड़े के शंकराचार्य की उपस्थिति में करवाया था। उस समय में वृद्ध अवस्था का हवाला देते हुए कहा था कि निरंजन भारती को चार-पांच साल पहले ओंकार भारती से गोद ले लिया था। इस मठ को चलाने के लिए कोई शिष्य योग्य नहीं लग रहा है। इसके कारण 5-6 साल से मेरे साथ रहे रहे निरंजन भारती को मठ का उत्तराधिकारी बनाना है।

पूर्व विधायक कानसिंह कोटड़ी ने बताया कि महंत जिन्होंने हाल ही के दिनों में समाधि ली है, उनके द्वारा ही निरंजन भारती को नियुक्ति दी गई। हम सभी 36 कौम के अनुसार अब वे ही हमारे महंत है। कुछ लोगों की ओर से बुद्ध भारती को बैठाया गया है, जो वास्तव में शरारत पूर्ण काम है। मठ से जुड़ें सतों का कहना है कि खरंटिया मठ की स्थापना जोधपुर किले से पहले की गई थी। जिसे लोगों ने श्रद्धा के अनुसार दान भी दिया। वक्त के साथ-साथ मठ की संपत्ति बढ़ती गई। अब इसी संपत्ति पर असामाजिक तत्वों की नजर है।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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