गुवाहाटी, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने विधानसभा के चालू शरदकालीन सत्र के दूसरे दिन में कहा कि मैं मियां मुसलमानों को असम पर कब्जा करने नहीं दूंगा। मुख्यमंत्री के संबाेधन के दाैरान विपक्षी विधायकों ने हंगामा करने के साथ एक के बाद एक मुद्दा उठाकर मुख्यमंत्री को परेशान करने की कोशिश की।
मंगलवार काे विधानसभा में विपक्ष के जब मियां मुसलमानों का असम पर कब्जा करने की बात कही तो मुख्यमंत्री डॉ. सरमा आग बबूला हो गये। उन्होंने लगभग चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मैं नहीं दूंगा, मैं मियां मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने दूंगा। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा असम विधानसभा के चल रहे शरदकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के प्रश्नों का सदन में जवाब दे रहे थे।
ज्ञात हो कि राइजर दल के एकमात्र विधायक अखिल गोगोई समेत विपक्षी विधायकों ने नगांव जिलांतर्गत धिंग में 10वीं कक्षा की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना और शिवसागर में मियां बहिष्कार की घटना को लेकर विधानसभा सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के बाद एक चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की।
विपक्ष ने धिंग की घटना, राज्य की कानून-व्यवस्था और ऊपरी असम में कुछ संगठनों का मियां बहिष्कार की घोषणा के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही स्थगित करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद मुख्यमंत्री बैठक स्थगित करने के प्रस्ताव पर सदन में बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री ने भाषण देना शुरू किया, विपक्षी सदस्याें के एक वर्ग ने एक तरह का हंगामा शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दुष्कर्म का एक भी मामला हमें स्वीकार्य नहीं है। एनसीआरबी की जानकारी पर सदन में चर्चा की जानी चाहिए। वर्ष 2014 में राज्य में बलात्कार के 1,980 मामले थे। 2019 में बलात्कार की 989 घटनाएं हुईं। यह घटना किसी भी कारण से स्वीकार्य नहीं है। इसे स्वीकार करना होगा कि बलात्कार की घटनाओं में कमी आयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री एक साल में अपराध को समाप्त नहीं कर सकता है, बल्कि इसमें कमी ला सकता है। यही उन्होंने किया है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के निचले से ऊपरी असम में लोगों के जाने वाले बयान का विरोध किया। डॉ. सरमा ने कहा कि सदन के नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया और रफीकुल इस्लाम कह रहे हैं कि नामनी (निचले) असम के लोग उजनी (उपरी) असम जाएंगे? मैं कह रहा हूं- क्यों जाएंगे? नहीं जा सकते। मियां मुसलमानों को उजनी असम पर कब्जा नहीं करने देंगे। मुख्यमंत्री ने ऊपरी असम में जाने पर जोर न देने का भी अनुरोध किया। डाॅ सरमा ने कहा कि, उजनी मत जाओ, बिल्कुल मत जाओ। जिद मत करो, मैं अनुरोध करता हूं। जहां असम के लोग नहीं चाहते हैं, वह मत जाइये। यदि आप ऊपरी असम की इच्छाओं के विरुद्ध जाते हैं, तो आपको सुरक्षा नहीं मिलेगी।’’ राज्य में जघन्य कृत्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, मुस्लिम अपराधियों की मदद मुस्लिम वकीलों को नहीं करनी चाहिए। इसी तरह हिंदुओं के मामले में भी यही होना चाहिए। मुस्लिम वकीलों को धिंग मामले में कभी मदद नहीं करनी चाहिए। अपराधियों को संरक्षण नहीं मिलेगा तो अपराध में जरूर कमी आएगी। आक्रामक मत बनो।’’
उल्लेखनीय है कि असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों को मियां मुस्लिम का संबोधन दिया जाता है और इनका असम मूल के मुस्लिमों से कोई सरोकार नहीं है। असम में बांग्लादेश के मुसलमानाें की घुसपैठ काे राेकने के लिए राज्य सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश / अरविन्द राय सक्सेना