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हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र का हंगामेदार आगाज, विपक्ष का वाकआउट

वाकआउट करते विपक्षी सदस्य

शिमला, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा के दूसरे मॉनसून सत्र की आगाज हंगामेदार रही। मंगलवार को शोकोदगार के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी, तो विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की। लेकिन स्पीकर से जब इस पर चर्चा की इजाजत नहीं मिली, तो समूचा विपक्ष उखड़ गए और नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्य सदन से बाहर चले गए।

इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि भाजपा विधायकों ने नियम-130 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा दे रखी है। लिहाजा इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत चर्चा का कोई औचित्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा से कोई एतराज नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नियम 67 बहुत एमरजेंसी के लिए है और बद्दी में घटी घटना इतनी महत्वपूर्ण नहीं है कि सदन की सारी कार्यवाही स्थगित कर इस पर चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए यह मुद्दा उठा रहा है।

वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कानून व्यवस्था का मामला उठाते हुए कहा कि विपक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस किया है और सरकार तुरंत सदन का सारा कामकाज रोककर प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करवाए। उन्होंने बद्दी में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दो गुटों में पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ, जिसमें एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, जबकि दो युवक अस्पताल में दाखिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटना आज से पहले कभी नहीं हुई।

जयराम ठाकुर ने कहा कि कानून व्यवस्था आज प्रदेश के लिए चिंता का विषय बन गई है और सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। कभी कोर्ट परिसर में गोलियां चलती है तो कभी बेरहमी से युवक की हत्या कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में ड्रग माफिया, खनन माफिया, कांट्रेक्ट माफिया और वन माफिया पूरी तरह से सक्रिय है। लेकिन सरकार इस पर गंभीर नहीं है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने इस मुद्दे पर व्यवस्था दी कि वह इस मामले को सत्र के दौरान बाद में चर्चा के लिए लाएंगे और विपक्ष के नियम 67 के तहत लाए गए चर्चा के नोटिस को रद्द कर रहे हैं। इसके बाद पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि बद्दी में हुई घटना ड्रग माफिया के दो गुटों के बीच की घटना है और विपक्ष द्वारा ड्रग माफिया से जुड़ी इस घटना पर सदन में चर्चा लाना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि इनमें से एक गैंग हरियाणा से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया से जुड़े लोगों की मौत पर सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा शुक्ला

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