हरिद्वार, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । देवभूमि उत्तराखण्ड मालिक, चालक यूनियन उत्तराखण्ड हरिद्वार के वाहन चालकों ने प्रमुख सचिव परिवहन उत्तराखण्ड को पत्र भेजकर प्रदेश में बाहरी राज्यों के यात्री वाहनों के अवैध संचालन को रोकने की मांग की है।
प्रमुख सचिव को भेज पत्र में वाहन चालकों ने कहा कि उत्तराखण्ड के वाहन चालकों व मालिकों की रोजी-रोटी का प्रमुख जरिया चार धाम यात्रा है। इसी के चलते वह अपना व अपने परिवार को भरण-पोषण करते हैं किन्तु अब उनकी हालत दयनीय हो चुकी है। बाहरी यात्री वाहनों के संचालन के कारण उनके पेट पर लात मारे जाने जैसा कार्य किया जा रहा है। आलम यह है कि उन्हें अपना परिवार चलाने के साथ बच्चों की फीस देने व यात्री वाहनों की किश्त देने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण है कि यहां के कुछ ट्रेवल्स व्यवसायी बाहरी राज्यों यात्री वाहनों को ठेके पर लेकर या फिर यहां से उनका संचालन करवा कर हमारे रोजगार का प्रभावित करने का कार्य कर रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि भ्रष्टाचार का आलम यह है कि बाहरी प्रदेश के वाहन स्वामी यहां के निवासी के पते पर मार्फत में पता देकर वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं, जिस कारण से हमारा व्यवसाय चौपट हो गया है और हमारी स्थिति भूखे मरने की हो गई है।
उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को चुनाव आदि कार्यों के लिए जब भी वाहनों की आवश्यकता होती है, तो स्थानीय वाहन चालक व मालिक गाड़ियों को शासन-प्रशासन का निःशुल्क उपलब्ध करवाते हैं। इसके बावजूद हमारा शोषण किया जा रहा है। आलम यह कि यहां से बाहरी राज्यों की गाड़ियां सवारी भरकर ले जाती हैं और स्थानीय वाहन संचालक कुछ नहीं कर पाते। उन्होंने इस सबंध में शीघ्र ही ठोस कदम उठाने की प्रमुख सचिव से मांग की। उन्होंने कहा कि यदि इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है तो हमारे परिवारों के भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और हमारे बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने इस संबंध में एसपी सिटी कार्यालय में ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग की।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में देवेन्द्र सिंह, विनोद सैनी, अनिल कुमार, शेखर सैनी, आलिम, प्रमोद राठौर, श्रीपाल, इसरार, गुलशेर, सोनू, बंटी, रवि कुमार, मांगेराम, जुल्फकार अली, मांगेराम, रकम सिंह, सतीश, नाजिम, भूरा, जावेद अली, नीटू आदि प्रमुख थे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / दधिबल यादव