रीवा, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर के शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव हर्षोल्लास के साथ भक्तिपूर्ण वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर भजन, गीत की प्रस्तुति हुई तथा विद्वानों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र पर व्याख्यान दिए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रजनी चमाड़िया ने श्रीमद् भगवत् गीता के श्लोकों का सस्वर वाचन करते हुए प्रभु के कर्म सिद्धांत की व्याख्या की।
ओजस्वी एवं विदुषी वक्ता भाम्भवी मिश्रा ने श्रीकृष्ण के बाल्यावस्था एवं अन्य शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण द्वापर युग में जन्मे थे मगर वह आने वाले भविष्य के भी कर्मयोगी देवता हैं। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विभा श्रीवास्तव ने श्रीकृष्ण के जीवन से सीख लेने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि विश्व के वैज्ञानिक और विद्वान यह मानते हैं कि भगवत् गीता के उपदेशों पर यदि हम चलें तो हमें कभी असफलता नहीं मिलेगी। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा भजन प्रस्तुत किए गए। महाविद्यालय की छात्रा स्नेहा त्रिपाठी ने काव्य पाठ किया तथा अभ्युदय गुप्ता ने सुमधुर बासुरी का वादन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में डॉ महेन्द्रमणि द्विवेदी, डॉ आरपी गुप्ता, डॉ सरोज गोस्वामी, डॉ द्विजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, करूणा भांकर मिश्रा ने श्रीमद् भगवत् गीता एवं महाभारत के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ. रचना श्रीवास्तव, डॉ. गीता सिंह, डॉ. अर्चना गुप्ता, डॉ. निवेदिता अग्रवाल, डॉ. ममता उपाध्याय, डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. एच.जी.आर. त्रिपाठी, डॉ. देवाशीष बनर्जी, डॉ. इला तिवारी, डॉ. वर्षा खरे, डॉ. वंदना त्रिपाठी, डॉ. पुष्पा तिवारी, डॉ. सीमा पटेल, डॉ. रश्मि अर्नाल्ड, डॉ. अनुराधा मिश्रा, डॉ. राहुल रूपेश, डॉ. प्रवीण शर्मा, डॉ. मुकेश येंगल, डॉ उमेश मिश्रा लखन, डॉ. मनोरमा पाण्डेय, डॉ. नेहा शर्मा, डॉ. जय प्रकाश पटेल, डॉ. रोहित तिवारी, डॉ. आरिफ खान एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।
विद्यालयों में धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
रीवा जिले के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में सोमवार को धूमधाम के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। स्कूल के विद्यार्थियों ने भगवान कृष्ण की जीवनलीला की जीवंत प्रस्तुतियाँ दीं तथा गीत एवं भजनों की भी प्रस्तुतियाँ दी गर्इं। शासकीय हाई स्कूल मैदानी एवं खैरा चोरहटा में जन्माष्टमी महोत्सव मनाया गया। बच्चों ने भगवान कृष्ण की बाललीला, माखनचोरी की प्रस्तुतियाँ देते हुए सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। विद्यालयों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, शिक्षा, मित्रता के महत्व एवं गीता ज्ञान पर आधारित कार्यक्रमों की भी प्रस्तुतियाँ हुर्इं। इस अवसर पर बच्चों को प्राचीन परंपराओं, योग, ध्यान एवं सांस्कृतिक विरासत के महत्व से भी परिचित कराया गया।
(Udaipur Kiran) तोमर / राजू विश्वकर्मा