जयपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजधानी जयपुर में चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधा दामोदर एक ऐसा मंदिर में जहां कृष्ण जन्माष्टमी के दिन में दोपहर 12 बजे कन्हैया प्रगटे और मंत्रोच्चार के बीच जन्माभिषेक हुआ।
मंदिर महंत मलय गोस्वामी ने बताया कि भगवान राधा दामोदर यहां ढाई साल के बाल स्वरूप में विराजित हैं। जयपुर की यह सालों पुरानी परंपरा वृंदावन से चली आ रही है। पहले श्री राधा दामोदर जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसके बाद भगवान गोविंददेवजी का जन्मोत्सव होता है।
गोस्वामी ने बताया कि मंदिरश्री राधा दामोदरजी में दोपहर में श्रीकृष्ण का जन्माभिषेक से पहले कृष्ण जन्माष्टमी की तड़के साढे पांच बजे मंगला आरती के साथ दर्शन खुले। सुबह धूप झांकी में ठाकुरजी को नवीन पोशाक धारण करवाई गई। इसके बाद कई तरह के व्यंजनों और नमकीन का ठाकुरजी को भोग लगाया गया। सुबह ग्यारह बजे ठाकुरजी को जगमोहन में विराजमान किया गया। इसके बाद विद्वान पंडितों ने मंत्रोच्चार के बीच पाठ किए। इस बीच ठाकुरजी के पंचामृत, पंचगव्य आदि से अभिषेक किया गया। दोपहर में भक्तों को पंचामृत-पंजीरी का प्रसाद बांटा गया। इसके बाद मंदिर में नंदोत्सव का आयोजन किया गया।
गौरतलब है कि चौड़ा रास्ता में स्थित राधा दामोदर मंदिर में दिन में कृष्ण जन्म की परम्परा आज की नहीं बल्कि कई सौ साल पुरानी है। मान्यता है कि राधा दामोदर मंदिर में कृष्ण के बाल अवतार को विराजित है। बाल अवतार के उठने का समय रात में बारह बजे का नहीं होता। ऐसे में दिन में ही अभिषेक कर उन्हें उठाया और जन्मोत्सव मनाया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / संदीप