Uttar Pradesh

प्रजावत्सलता से राजमाता अहिल्याबाई होलकर बनी लोकमाता : मालिनी अवस्थी

प्रजावत्सलता से राजमाता अहिल्याबाई होलकर बनी लोकमाता : मालिनी अवस्थी

कानपुर, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । भरतपुर के युद्ध में पति खंडेराव की मौत से आहत होकर अहिल्याबाई होलकर ने सती होने का प्रण ले लिया था। इस पर ससुर मल्हार राव ने उन्हे समझाया तो सती होने का विचार त्याग दिया और जी जान से प्रजा की सेवा करने की ठान ली। बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के मूल मंत्र को अपने जीवन में उतार राजसी सुखों का त्याग कर दुखी, पीड़ित जनों की सेवा को ही उन्होंने अपने जीवन का परम लक्ष्य बना लिया। इस प्रकार उनकी लोकप्रियता प्रजा के बीच इस कदर बढ़ गई कि राजमाता से लोकमाता बन गईं। यह बातें रविवार को प्रसिद्ध लोकगायिका व पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कही।

पुण्य श्लोक अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जन्मोत्सव के अवसर पर रविवार को सामाजिक समरसता महिला मंच द्वारा बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कालेज में मातृशक्ति महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने कार्यक्रम की शुरुआत मृदुला शुक्ला के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर दृढ़ निश्चय, साहसिक और धार्मिक महिला थी। उन्होंने बाल्यकाल से ही छुआछूत का विरोध किया। अहिल्याबाई ने अपने जीवन काल में कई मन्दिरों का निर्माण कराया। इसके साथ ही प्रजा की भलाई, सुरक्षा, सुख सुविधा जुटाना, बाहरी आक्रमण, विद्रोहियों और डाकुओं से राज्य की रक्षा करने के हर सम्भव प्रयास किये। हम सभी महिलाओं को उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करना चाहिये।

इस दौरान वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम के लिए सामाजिक समरसता महिला मंच ने मालिनी अवस्थी को मुख्य वक्ता के रुप में तय किया। कार्यक्रम में हेमन सन्त, पूनम शुक्ला, विधायिका नीलिमा कटियार, प्रांत संघचालक भवानी भीख, श्याम बाबू, विवेक, विभाग प्रचारक बैरिस्टर, विभाग कार्यवाह साहब लाल, अंकुर, प्रान्त सह प्रचार प्रमुख डॉ. रतन लाल, आशीष प्रताप, प्रान्त सामाजिक समरसता प्रमुख रविशंकर, सुभाष आदि मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / विद्याकांत मिश्र

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